📅 लांजी, बालाघाट | 13 जुलाई 2025
भारत स्काउट गाइड मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा आयोजित हीरक जयंती वर्ष के अंतर्गत जबलपुर संभाग के 70 सदस्यों का दल उत्तराखंड की मनोरम पहाड़ियों और धार्मिक स्थलों का सफलतापूर्वक भ्रमण कर लौटा। यह शैक्षणिक-सांस्कृतिक यात्रा 5 जुलाई से 9 जुलाई तक उत्तराखंड के शीतला खेत में आयोजित शिविर के माध्यम से सम्पन्न हुई, जिसका नेतृत्व सहायक राज्य संगठन आयुक्त जबलपुर, श्री ललित मिश्रा ने किया।
बालाघाट जिले से शामिल हुए 7 सदस्यीय दल ने जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी उपाध्याय के आदेश और जिला संगठन आयुक्त इनेंद्र डहरवाल के मार्गदर्शन में इस विशेष यात्रा में भाग लिया। दल में शामिल शिक्षक-शिक्षिकाएं – आरसी नागेश्वर (मदर टेरेसा बिरसा), मनोहर बंसोड निक्कुम, अंगद चौधरी (डुंडासिवनी), उमा मार्को (मेंढ़की), रेवती उइके (लड़सड़ा), रत्नमाला गौरे (पिपरिया), और जुंगा भलावी (कंजई) ने पांच दिवसीय भ्रमण में उत्तराखंड की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधताओं का गहन अवलोकन किया।
🔭 अध्ययन और भ्रमण के मुख्य स्थल:
-
नीम करौली बाबा आश्रम, कैंची धाम
-
अल्मोड़ा शहर – जागेश्वर धाम (500 प्राचीन मंदिरों का समूह), गोलू देवता मंदिर
-
रानीखेत सैनिक छावनी, कसार देवी मंदिर, कटारामल सूर्य मंदिर
-
स्याही देवी मंदिर, कात्यायनी मंदिर, नैनीताल – नैना देवी मंदिर, नैनी झील
-
चीरपाइन वृक्षों से आच्छादित पहाड़ी क्षेत्र, झरनों और हरियाली का सौंदर्य
-
लखनऊ – नवाबों का शहर, अयोध्या – भगवान श्रीराम की नगरी
📚 सांस्कृतिक और प्राकृतिक अध्ययन:
भ्रमण के दौरान स्काउट सदस्यों ने स्थानीय भाषा, पहनावा, खान-पान, रीति-रिवाज, पर्यावरणीय विविधता और पर्वतीय जीवनशैली का गहन अध्ययन किया। चीरपाइन के घने जंगल, नैनीताल की झीलें, ऊंचे पहाड़, हरियाली से लिपटी घाटियां और झरनों की कल-कल ध्वनि ने सभी को प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता की महत्ता से अवगत कराया।
इस यात्रा ने न केवल विद्यार्थियों और शिक्षकों को जीवन कौशल, अनुशासन और नेतृत्व की शिक्षा दी, बल्कि उन्हें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत के प्रति संवेदनशीलता का भी पाठ पढ़ाया।
إرسال تعليق