⚠️ सावधान! लांजी क्षेत्र में खुले बोरवेल गड्ढे बना रहे हादसों का खतरा

नलजल योजना में ठेकेदारों की लापरवाही, ग्रामीणों की जान जोखिम में

लांजी, बालाघाट | 23 जुलाई 2025 | 
मध्यप्रदेश में खुले बोरवेल से होने वाले हादसे लगातार सामने आते रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार विभागों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही। बालाघाट जिले के जनपद लांजी क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में नलजल योजना के तहत खोदे गए बोरवेल अब जानलेवा साबित हो रहे हैं। कई बोरवेल गड्ढे बिना किसी चेतावनी या सुरक्षा उपाय के खुले पड़े हैं, जिससे बच्चों और ग्रामीणों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।


❗ हादसे को न्योता देते गहरे गड्ढे

ग्रामीण क्षेत्रों में निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई स्थानों पर बोरवेल के गड्ढे खुले पड़े हैं। विशेष रूप से कंसुली ग्राम पंचायत में, जहां नवीन पंचायत भवन के पास लगभग 450 फीट गहरा और 10-12 इंच चौड़ा बोरवेल खुला छोड़ दिया गया है। पानी न मिलने के कारण ठेकेदार ने इस गड्ढे को वैसे ही छोड़ दिया, जिससे बच्चों के गिरने का खतरा बना हुआ है।

⚠️ बिना सूचना बोर्ड और बैरिकेडिंग के

आश्चर्यजनक रूप से न तो ग्राम पंचायत ने इस स्थान पर कोई चेतावनी बोर्ड लगाया है, न ही गड्ढे को बंद करवाने की पहल की है। आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि यह गड्ढा आबादी के बेहद करीब है और राहगीरों का लगातार आना-जाना लगा रहता है। अगर जल्द ही इसे बंद नहीं किया गया, तो किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।

🏢 पीएचई विभाग की अनदेखी और लापरवाही

जिम्मेदार विभाग की स्थिति और भी चौंकाने वाली है। नलजल योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार पीएचई विभाग को यह तक जानकारी नहीं है कि किन गांवों में बोरवेल गड्ढे खोदे गए और कौन से अभी खुले हैं। सूत्रों का कहना है कि लांजी पीएचई कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी अधिकतर समय मुख्यालय से ही कार्य करते हैं, जिससे ज़मीनी हालात की निगरानी नहीं हो पाती।

📋 कागजों में "सफल योजना", जमीनी हकीकत उलटी

जिला मुख्यालय में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों को योजनाओं के संचालन की केवल कागजी जानकारी भेजी जा रही है, जिससे वे भ्रमित हैं। लेकिन ज़मीनी स्तर पर हालात चिंताजनक बने हुए हैं।


📣 प्रशासन ने जताई सख्ती की संभावना

रामगोपाल यादव, सीईओ, जनपद पंचायत लांजी ने “अक्षर सत्ता” से बातचीत में बताया,

आपके माध्यम से हमें यह गंभीर मामला संज्ञान में आया है। संबंधित पीएचई एसडीओ को निर्देशित किया जाएगा कि ऐसे सभी खुले गड्ढों को तुरंत बंद करें या चेतावनी बोर्ड लगाएं, ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि रोकी जा सके।

✅ सुझाव और मांगें

  • सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश जारी कर बचे हुए खुले बोरवेल की पहचान और बंद करने की समयबद्ध कार्यवाही की जाए।

  • ऐसे स्थानों पर चेतावनी बोर्ड एवं बैरिकेडिंग लगाई जाए।

  • लापरवाह ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।

  • पीएचई विभाग के मैदानी अमले की नियमित निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।


🔎 अगर आपके गांव/क्षेत्र में भी कोई खुला बोरवेल है, तो तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचना दें।
आपकी जागरूकता से बच सकती है एक जान।


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✍️ संपादक: दयाल चंद यादव (MCJ)  

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