महाबोधि प्रबंधन बौद्धों को सौंपने की माँग को लेकर भूख हड़ताल पर डटे अनुयायी

बिहार सरकार पर विधि-विधान में हस्तक्षेप के आरोप, BTMC एक्ट 1949 को खत्म करने की माँग तेज

बालाघाट, 13 जुलाई 2025 । बोधगया स्थित महाबोधि महाविहार के प्रशासनिक नियंत्रण को बौद्ध समाज को सौंपे जाने की माँग को लेकर बालाघाट जिला मुख्यालय में चल रहा विरोध अब उग्र रूप ले चुका है। रविवार को चौथे दिन भी धरना जारी रहा, वहीं आंदोलनकारियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरुआत कर दी है। इस आंदोलन ने प्रशासन और बिहार सरकार के खिलाफ आक्रोश की लहर पैदा कर दी है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बीटीएमसी अधिनियम 1949 को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए, क्योंकि इस कानून की आड़ में न केवल महाबोधि महाविहार के प्रबंधन को बौद्धों से दूर रखा गया है, बल्कि पूजा पद्धतियों और धार्मिक परंपराओं में भी सुनियोजित हस्तक्षेप किया जा रहा है।

भदंत धम्म शिखर ने भूख हड़ताल की कमान संभाली
जनपद पंचायत कार्यालय के सामने पूज्य भदंत धम्म शिखर ने अनशन की शुरुआत करते हुए दो टूक कहा कि जब तक उनकी माँगों को न्यायोचित रूप में स्वीकार नहीं किया जाता, तब तक यह भूख हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार जानबूझकर बौद्ध समुदाय को उसके धार्मिक अधिकारों से वंचित कर रही है।

फर्जी मुकदमों से डराने की साज़िश का आरोप
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि बोधगया मुक्ति आंदोलन से जुड़े बौद्ध अनुयायियों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दायर कर उन्हें डराने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि राज्य सरकार एक सोची-समझी साजिश के तहत बौद्ध स्थलों के प्रबंधन में बाहरी हस्तक्षेप को बढ़ावा दे रही है और बौद्ध परंपराओं को किनारे लगाने का प्रयास कर रही है।

गूंजे नारे, दृढ़ता से डटे अनुयायी
धरना स्थल पर बौद्ध अनुयायियों ने अपने मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की। उनका स्पष्ट कहना है कि वे कानून के दायरे में रहकर आंदोलन करेंगे लेकिन यह अनिश्चितकालीन धरना और भूख हड़ताल तब तक नहीं रुकेगी जब तक महाबोधि महाविहार की प्रबंधन कमेटी को बौद्ध समाज के हाथों नहीं सौंपा जाता और BTMC एक्ट 1949 को समाप्त नहीं किया जाता।

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