अब समोसा-कचौड़ी के साथ लगेगा "तेल और चीनी बोर्ड": स्वास्थ्य मंत्रालय ने उठाया बड़ा कदम, मोटापे से लड़ाई के लिए नई पहल

📍 नवीन दिशा में कदम – कार्यस्थलों, स्कूलों, संस्थानों में लगेगा "तेल और चीनी अलर्ट बोर्ड", स्वास्थ्य जागरूकता को मिलेगा बढ़ावा

नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025। भारत में तेजी से बढ़ते मोटापे और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। अब सभी सरकारी मंत्रालयों, विभागों, स्वायत्त निकायों, स्कूलों, और संस्थानों में समोसा, कचौड़ी, फ्रेंच फ्राइज़, वड़ापाव, बर्गर, पिज्जा और जलेबी जैसी लोकप्रिय खाद्य सामग्री के साथ "तेल और चीनी बोर्ड" अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे। यह निर्णय स्वस्थ भारत मिशन और फिट इंडिया अभियान के अंतर्गत जन-जागरूकता बढ़ाने और मोटापे की समस्या पर नियंत्रण के उद्देश्य से लिया गया है।



🛑 मोटापे पर खतरे की घंटी: स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने 21 जून 2025 को जारी पत्र में बताया कि

“भारत में वयस्कों और बच्चों दोनों में मोटापे की दर चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। ख़राब खान-पान और शारीरिक निष्क्रियता इसका मुख्य कारण हैं।”

NFHS-5 (2019-21) के आंकड़ों के अनुसार, हर पाँच में से एक वयस्क शहरी क्षेत्रों में मोटापे से ग्रस्त है। वहीं, 2021 में 18 करोड़ भारतीय मोटापे से ग्रस्त थे, और यह संख्या 2050 तक 44.9 करोड़ पहुंच सकती है। लैंसेट GBD-2021 रिपोर्ट के अनुसार, भारत विश्व का दूसरा सबसे मोटा देश बनने की ओर अग्रसर है।


🧠 क्या है "तेल और चीनी बोर्ड" योजना?

यह पहल विशेष रूप से सार्वजनिक स्थलों, कैफेटेरिया, दफ्तरों, स्कूलों आदि में तेल और शर्करा की अधिकता वाले खाद्य पदार्थों की सूचनात्मक सूची प्रदर्शित करेगी।

  • "तेल बोर्ड" पर फ्रेंच फ्राइज़, वड़ापाव, पकौड़ी, समोसा, बर्गर और पिज़्ज़ा जैसे आइटम होंगे।

  • "चीनी बोर्ड" में शीतल पेय, गुलाबजामुन, पेस्ट्री, मिठाई और चॉकलेट जैसी चीज़ों की जानकारी दी जाएगी।
    बोर्ड में वसा और शर्करा की मात्रा, स्वास्थ्य जोखिम, और वैकल्पिक विकल्पों की भी जानकारी दी जाएगी।


📢 लेटरहेड से लेकर नोटपैड तक – अब छपेगा स्वास्थ्य संदेश

मंत्रालय ने कहा है कि

“सभी सरकारी स्टेशनरी जैसे लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फ़ोल्डर और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संदेश अनिवार्य रूप से छापे जाएं ताकि प्रतिदिन स्वास्थ्य को लेकर स्मरण बना रहे।”


🏃‍♀️ कार्यालयों में शुरू होंगी हेल्थ एक्टिविटीज

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्यस्थलों पर निम्नलिखित बदलावों की सिफारिश की है:

  • पौष्टिक भोजन विकल्प उपलब्ध कराना – कम वसा वाले, फल-सब्ज़ियों युक्त आहार।

  • शर्करा युक्त पेय और फास्ट फूड की बिक्री सीमित करना।

  • सीढ़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना।

  • छोटे व्यायाम अवकाश और पैदल चलने के मार्ग बनाना।


🧬 लाइफस्टाइल बदलें, भारत को स्वस्थ बनाएं

पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "फिट इंडिया अभियान" और तेल की खपत में 10% की कटौती की अपील का भी ज़िक्र किया गया। यह पहल एनपी-एनसीडी (गैर-संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम) के तहत लाई जा रही है, जिससे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सके।


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