लांजी, बालाघाट, 22 अगस्त 2025। नगर परिषद लांजी में सियासी तूफान ने जोर पकड़ लिया है। 15 वार्डों वाली इस नगर परिषद के 12 पार्षदों ने एकजुट होकर कलेक्टर कार्यालय, बालाघाट में अध्यक्ष रेखा ताराचंद कालबेले के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है। इस प्रस्ताव में सत्ता पक्ष भाजपा के 6 पार्षद, विपक्ष के 3 पार्षद, 2 निर्दलीय और 1 आम आदमी पार्टी के पार्षद शामिल हैं।
पार्षदों का आरोप: विकास में बाधा और भ्रष्टाचार
पार्षदों का कहना है कि वे अध्यक्ष रेखा कालबेले के कार्यों से असंतुष्ट हैं। नगर परिषद उपाध्यक्ष संदीप रामटेक्कर ने कहा, "हमारी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं, बल्कि लांजी के विकास के लिए है। पिछले तीन वर्षों में नगर के विकास कार्यों में कोई खास प्रगति नहीं हुई। अध्यक्ष द्वारा भ्रष्टाचार और पार्षदों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया है, जो अस्वीकार्य है।" रामटेक्कर ने यह भी बताया कि उनकी पहले की गई शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते यह कदम उठाना पड़ा।
अध्यक्ष का जवाब: विकास के लिए सतत प्रयास
दूसरी ओर, नगर परिषद अध्यक्ष रेखा कालबेले ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा, "मेरे कार्यकाल में 15 करोड़ से अधिक के विकास कार्य कराए गए हैं, जिनमें सड़क, नाली, पार्क निर्माण और शासन की योजनाओं के तहत कई परियोजनाएं शामिल हैं। इस वर्षाकाल के बाद कई कार्य धरातल पर दिखाई देंगे। इसके अलावा, 10 करोड़ की नई विकास योजनाओं की तैयारी चल रही है, जिसमें डिवाइडर, तालाब सौंदर्यीकरण, एलईडी लाइट्स, जल प्रबंधन और दादा कोटेश्वर मंदिर कॉरिडोर जैसे कार्य शामिल हैं।"
कालबेले ने आगे कहा, "मुझे अपनी पार्टी और वरिष्ठों पर पूरा भरोसा है। यह अविश्वास प्रस्ताव कुछ लोगों का षड्यंत्र है, जो नगर के विकास को बाधित करना चाहते हैं। मेरा उद्देश्य जनता की मूलभूत सुविधाओं को पूरा करना है, न कि व्यक्तिगत हितों की पूर्ति।"
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पूर्व विधायक रमेश भटेरे |
नगरवासियों की उम्मीदों पर फिरा पानी
लांजी नगर में जब पूर्व विधायक रमेश भटेरे के नेतृत्व में नगर परिषद का गठन हुआ था, तो नगरवासियों को चौतरफा विकास की उम्मीद जगी थी। लेकिन जनप्रतिनिधियों के आपसी मनमुटाव और सत्ता के लालच ने इन उम्मीदों को झटका दिया है। अब जबकि नगर परिषद का कार्यकाल 38 महीने पूरा कर चुका है, नए अध्यक्ष के चयन से विकास को गति मिलेगी या यह सियासी खींचतान और गहराएगी, यह सवाल सभी के मन में है।
क्या होगा लांजी के विकास का भविष्य?
यह अविश्वास प्रस्ताव नगर परिषद की कार्यप्रणाली और विकास की दिशा पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। एक तरफ जहां पार्षद विकास के लिए एकजुटता की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अध्यक्ष अपने कार्यों को गिनाकर इस कदम को षड्यंत्र बता रही हैं। आने वाले दिनों में यह सियासी ड्रामा किस करवट बैठेगा और लांजी के विकास का भविष्य क्या होगा, यह समय ही बताएगा।
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