छापेमारी का विवरण
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, सुबह 7 बजे कफ परेड स्थित अनिल अंबानी के आवास ‘सीविंड’ पर 7-8 अधिकारियों की टीम पहुंची। तलाशी के दौरान अनिल अंबानी और उनका परिवार मौजूद था। सीबीआई ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के आधिकारिक परिसर सहित मुंबई में दो स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। एजेंसी ने 22 अगस्त 2025 को मुंबई की विशेष अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त किया था।
2,929 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप
सीबीआई ने गुरुवार को एसबीआई की शिकायत के आधार पर अनिल अंबानी, आरकॉम, अज्ञात लोक सेवकों और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, और विश्वासघात के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। एसबीआई ने आरोप लगाया कि आरकॉम ने गलत जानकारी देकर 2,929.05 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं हासिल कीं और इस राशि का दुरुपयोग किया गया।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “आरोप है कि गलत जानकारी के आधार पर ऋण स्वीकृत करवाया गया और राशि का हेरफेर किया गया, जिससे बैंक को भारी नुकसान हुआ।”
धोखाधड़ी वर्गीकरण का इतिहास
एसबीआई ने 10 नवंबर 2020 को आरकॉम और अनिल अंबानी के खाते को ‘धोखाधड़ी’ श्रेणी में वर्गीकृत किया था और 5 जनवरी 2021 को सीबीआई में शिकायत दर्ज की थी। हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय के 6 जनवरी 2021 के ‘यथास्थिति’ आदेश के कारण शिकायत वापस ले ली गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च 2023 के फैसले के बाद, जिसमें खातों को ‘धोखाधड़ी’ घोषित करने से पहले पक्षकार को सुनवाई का अवसर देना अनिवार्य किया गया, एसबीआई ने 2 सितंबर 2023 को वर्गीकरण रद्द किया। इसके बाद, 15 जुलाई 2024 को आरबीआई के दिशानिर्देशों के तहत दोबारा प्रक्रिया शुरू की गई और खाते को फिर से ‘धोखाधड़ी’ घोषित किया गया।
आरकॉम की दिवाला प्रक्रिया
रिलायंस कम्युनिकेशंस वर्तमान में दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। इसकी समाधान योजना 6 मार्च 2020 को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), मुंबई में दायर की गई थी, जिसकी मंजूरी का इंतजार है। साथ ही, एसबीआई ने अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवाला प्रक्रिया भी शुरू की है, जिसकी सुनवाई एनसीएलटी में चल रही है।

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