टाइगर कॉरिडोर: पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
गडकरी ने बताया कि टाइगर कॉरिडोर की लागत पहले 4,600 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 5,500 करोड़ रुपये हो गई है। यह कॉरिडोर मध्यप्रदेश के चार प्रमुख बाघ अभयारण्यों को जोड़ेगा, जिससे पर्यटन, रोजगार सृजन, और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। 2022 की जनगणना के अनुसार, मध्यप्रदेश में 785 बाघ हैं, जो देश में सबसे अधिक है।
जबलपुर के सांसद आशीष दुबे, राज्य के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और अन्य सांसदों ने इस कॉरिडोर की मांग उठाई थी, ताकि बाघ अभयारण्यों को जोड़कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
भोपाल-जबलपुर ग्रीनफील्ड हाईवे
गडकरी ने भोपाल और जबलपुर के बीच 255 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड हाईवे की भी घोषणा की, जिसकी अनुमानित लागत 15,000 करोड़ रुपये है। इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) दिसंबर 2025 तक तैयार होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री राकेश सिंह से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सुचारू करने का आग्रह किया, ताकि अप्रैल या मई 2026 तक निर्माण शुरू हो सके।
मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण कदम
गडकरी ने कहा, “ये परियोजनाएं न केवल मध्यप्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर करेंगी, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देंगी। टाइगर कॉरिडोर से बाघ संरक्षण और पर्यावरण को भी लाभ होगा।”
सांस्कृतिक और आर्थिक प्रभाव
टाइगर कॉरिडोर और ग्रीनफील्ड हाईवे मध्यप्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन और आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ये परियोजनाएं न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी।
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