कर्तव्य पर उपस्थित न होने पर होगी सेवा से पृथक करने की कार्यवाही
अनुपस्थिति और गंभीर लापरवाही का मामला
वन विभाग के अनुसार, लालबर्रा परिक्षेत्र के बहियाटिकुर बीट (क्रमांक 440) में एक वन्य प्राणी बाघ का शव पाया गया था। इस घटना के समय वनपाल टीकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे इस बीट में पदस्थ थे। घटना के बाद 2 अगस्त को वन अपराध क्रमांक 16036/06 दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। हालांकि, दोनों कर्मचारी 3 अगस्त से कार्यालय से अनुपस्थित हैं और उन्होंने अपने मोबाइल नंबर बंद कर रखे हैं, जो सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन है और गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
जांच में सहयोग न करने का आरोप
वनमंडलाधिकारी श्री अधर गुप्ता ने बताया कि दोनों कर्मचारियों की अनुपस्थिति और जांच में सहयोग न करने के कारण इस प्रकरण में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी सामने नहीं आ पा रही है। यह घटना वन्यजीव संरक्षण के दृष्टिकोण से अत्यंत गंभीर है, क्योंकि बाघ एक संरक्षित प्रजाति है और इसकी मृत्यु की जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोनों कर्मचारियों को अंतिम बार 2 दिन के भीतर कर्तव्य पर उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बाघ संरक्षण और वन विभाग की जवाबदेही
बाघ संरक्षण भारत में जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मध्य प्रदेश, जिसे विश्व का "टाइगर कैपिटल" माना जाता है, बाघों की संख्या बढ़ाने और उनके आवास को सुरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ऐसी घटनाओं में वन कर्मचारियों की जवाबदेही और सक्रिय भागीदारी अहम है। लालबर्रा परिक्षेत्र में हुई इस घटना ने वन विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, और वनमंडलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा।
जनता से सहयोग की अपील
वन विभाग ने जनता से अपील की है कि वे वन्यजीव संरक्षण में सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत वन अधिकारियों को दें। यह घटना न केवल वन विभाग के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों और वन्यजीवों की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा।

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