लांजी में रचा गया इतिहास: 30 दिवसीय अखंड रामचरित मानस पाठ का भव्य आयोजन

कालीचरण महाराज ने कहा - सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म

लांजी, बालाघाट, 11 अगस्त 2025 – लांजी नगर ने सनातन धर्म की महिमा को एक नया आयाम देते हुए इतिहास रच दिया। एकल अभियान संच लांजी अंचल, बालाघाट, महाकौशल, मध्य प्रदेश के तत्वावधान में 11 जुलाई से 10 अगस्त तक 30 दिवसीय श्री अखंड रामचरित मानस पाठ का भव्य आयोजन किया गया। यह धार्मिक समारोह काशीनाला तट पर स्थित भगवान कोटेश्वरनाथ महादेव मंदिर के प्रांगण में संपन्न हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालु, भक्तगण और सेवाभावी शामिल हुए।


आयोजन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

इस ऐतिहासिक आयोजन में भक्तों ने श्री रामचरितमानस का पाठ सुना और भगवान राम की महिमा का गुणगान किया। भजन-कीर्तन के दौरान भक्तों ने भक्ति रस में डूबकर भगवान के भजनों का आनंद लिया और उनकी महिमा का उत्सव मनाया। आयोजन के अंतिम दिन, 10 अगस्त को 108 पार्थिव शिवलिंग रूद्राभिषेक, 108 गौमाता पूजन, और महाप्रसाद भंडारा का आयोजन किया गया। इसके साथ ही हवन-यज्ञ और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया।


माँ शक्ति के उपासक कालीचरण महाराज ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति से भक्तों को कृतार्थ किया। उन्होंने शिव तांडव मंत्र का गायन कर समा बांधा और सनातन धर्म की गहराई पर प्रकाश डाला। अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने कहा, "अनंत कोटि ब्रह्मांड में एक ही धर्म है, वह है सनातन धर्म। बाकी सब मजहब हैं।" उन्होंने वेदों, उपनिषदों और पुराणों के आधार पर सनातन धर्म को अनादि और अनंत बताया, जो व्यक्तिगत मुक्ति और समस्त सृष्टि के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है।

कालीचरण महाराज का प्रेरक संबोधन

कालीचरण महाराज ने रामचरितमानस की चौपाइयों और दोहों का उद्धरण देते हुए भगवान राम के जीवन को सत्य, न्याय और धर्म की मिसाल बताया। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म में सभी प्राणियों का सम्मान है - चाहे वह मनुष्य हो, पशु हो या प्रकृति। यह धर्म विभेद नहीं, बल्कि एकता और सद्भाव का संदेश देता है।" उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपनी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करें और राम भक्ति में लीन रहें। उनके संबोधन के दौरान सभा में गहरी शांति छाई रही, और अंत में तालियों की गड़गड़ाहट से पंडाल गूंज उठा।

एकल अभियान संच लांजी की भूमिका

एकल अभियान संच लांजी के अध्यक्ष झनकार किरनापुरे ने बताया कि यह आयोजन लांजी के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने कहा, "यह आयोजन लांजी के लोगों की एकता और धार्मिक भावनाओं का प्रमाण है।" उन्होंने आयोजन की रूपरेखा और इसके पीछे की प्रेरणा पर प्रकाश डाला, जिसमें बताया कि एकल अभियान संच की स्थापना लांजी की पावन धरा से हुई, जिसे कारंजा से बालभाऊ देवरस ने नाम दिया था। आज यह संगठन पूरे भारतवर्ष में कार्यरत है।

आयोजन को सफल बनाने में बोलबम सेवा समिति, शारदा महिला मंडल, माँ सिंहवाहिनी दुर्गा उत्सव समिति, सादर मित्र मंडल, नगर परिषद लांजी, पुलिस प्रशासन लांजी, बालाघाट, वन विभाग लांजी, और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान किया। झनकार किरनापुरे ने सभी सहयोगियों और भक्तों के प्रति मंच से आभार व्यक्त किया।

सामुदायिक एकता और महाप्रसाद

आयोजन के अंत में व्यापारी संघ लांजी द्वारा आयोजित महाप्रसाद भंडारा में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। यह भंडारा सामुदायिक एकता और भक्ति का प्रतीक बना।

अक्षर सत्ता: सत्य और निष्पक्षता का मंच

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