लांजी, बालाघाट, 31 अगस्त 2025 - विकसित भारत अभियान के तहत शासकीय जटाशंकर त्रिवेदी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बालाघाट ने "एक पेड़ माँ के नाम" पहल के अंतर्गत एक भव्य पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया। इस हरित अभियान में गोद ग्राम भटेरा से जल शुद्धिकरण केंद्र मार्ग तक 500 पर्यावरणीय और औषधीय पौधों का रोपण किया गया। इस कार्यक्रम ने न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया, बल्कि माँ के प्रति सम्मान और धरती के प्रति जिम्मेदारी का संदेश भी दिया।
हरियाली के लिए सामूहिक प्रयास
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के इस अभियान का नेतृत्व प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार मराठे ने किया। कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस वॉलिंटियर्स, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. कातुलकर, नोडल अधिकारी डॉ. भूपेंद्र ब्रम्हें, डॉ. प्रवीण कुमार कौशले, एनसीसी अधिकारी डॉ. गजानन कटरे, और एनएसएस अधिकारी प्रो. सुखचंद एड़े ने सक्रिय भागीदारी निभाई। पौधों का चयन सावधानीपूर्वक किया गया, जिसमें करंज, सिंदूर, खमेर, जामुन, इमली जैसे छायादार और औषधीय पौधे शामिल थे।
पौधों का संरक्षण: भविष्य की जिम्मेदारी
महाविद्यालय परिवार ने संकल्प लिया कि ये पौधे केवल रोपे ही नहीं जाएंगे, बल्कि इन्हें संरक्षित और संवर्धित कर विशाल वृक्षों में बदला जाएगा। प्राचार्य डॉ. अशोक मराठे ने कहा, “पौधारोपण केवल एक कार्य नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन-दान है। प्रत्येक पौधा धरती के भविष्य को सुरक्षित करने का प्रतीक है।” विद्यार्थियों ने भी हर पौधे को “माँ का आशीर्वाद” मानकर उसकी देखभाल का वचन दिया।
पर्यावरण के साथ भावनात्मक जुड़ाव
'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान ने पर्यावरण संरक्षण को एक भावनात्मक आयाम दिया। यह पहल माँ के प्रति श्रद्धा और धरती के प्रति कर्तव्य को जोड़ती है। भटेरा-जवाई टोला मार्ग अब हरित आभा का केंद्र बनने की राह पर है, जो न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए एक प्रेरणा भी बनेगा।
क्यों महत्वपूर्ण है यह अभियान?
पर्यावरण संरक्षण: पौधों से कार्बन उत्सर्जन में कमी और जैव विविधता में वृद्धि होगी।
औषधीय लाभ: रोपे गए पौधे औषधीय गुणों से युक्त हैं, जो स्थानीय समुदाय के लिए उपयोगी होंगे।
सामुदायिक जागरूकता: विद्यार्थियों और ग्रामीणों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी।
विकसित भारत का संकल्प: यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर हरित भारत के लक्ष्य को साकार करता है।
भविष्य की योजनाएं
महाविद्यालय ने घोषणा की कि भटेरा में रोपे गए पौधों की नियमित निगरानी और देखभाल की जाएगी। इसके साथ ही, इस तरह के और अभियान आयोजित किए जाएंगे ताकि बालाघाट जिला हरियाली का मॉडल बन सके।
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