अतिवृष्टि प्रभावितों के हर पल साथ है मध्यप्रदेश सरकार: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल, 2 अगस्त 2025। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में हाल ही में हुई अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए राज्य सरकार पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। अब तक 3628 नागरिकों को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया गया है, और 53 राहत शिविरों में 3065 प्रभावितों को भोजन, दवाइयां, कपड़े और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर प्रभावित व्यक्ति के साथ खड़ी है और जल्द से जल्द सर्वे पूरा कर नुकसान की समुचित भरपाई की जाएगी। अब तक 28.49 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की जा चुकी है।


त्वरित राहत और बचाव कार्य

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सरकार ने अतिवृष्टि और बाढ़ प्रबंधन की तैयारियां पहले ही शुरू कर दी थीं। 9 जून को मुख्य सचिव द्वारा विस्तृत समीक्षा की गई, और 22 जुलाई को मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स को बाढ़ की पूर्व तैयारियों के निर्देश दिए। इसके तहत:

  • NDRF की टीमें भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और धार में तैनात की गईं।

  • SDRF को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया।

  • प्रदेश में 259 संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रतिक्रिया केंद्र और 111 त्वरित प्रतिक्रिया टीमें स्थापित की गईं।

  • 3300 आपदा मित्रों को प्रशिक्षित किया गया।

  • रेड अलर्ट मोबाइल के माध्यम से समय पर भेजे गए।

सिंचाई विभाग ने बांधों के जल स्तर की निगरानी और जल छोड़े जाने की जानकारी समय पर उपलब्ध कराई। मौसम विभाग की सूचनाओं को बचाव दलों तक तुरंत पहुंचाया गया। 24 घंटे संचालित राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम के माध्यम से सभी कार्यों की निगरानी की जा रही है।

व्यापक तैयारियां और संसाधन

प्रदेश में सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य शिविरों में जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। 62 स्थानों पर अग्रिम खाद्यान्न भंडारण किया गया ताकि आपात स्थिति में कोई कमी न हो। 711.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 59% अधिक है। मंडला में 1107 मिमी बारिश का 51% केवल 4 दिनों में हुआ। 40 जिलों में सामान्य से अधिक, 9 जिलों में सामान्य और 2 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई।

क्षति और पुनर्वास

अतिवृष्टि के कारण 254 ग्रामीण सड़कों में से 212 की मरम्मत तत्काल की गई। 94 पुलियां क्षतिग्रस्त हुईं, लेकिन वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराए गए। 432 बचाव अभियानों में 3628 नागरिकों और 94 मवेशियों को बचाया गया। दुर्भाग्यवश, अतिवृष्टि, नदी-नालों में डूबने, आकाशीय बिजली और मकान/पेड़ गिरने से कुछ लोगों की मृत्यु हुई। 128 मकानों को पूर्ण और 2333 मकानों को आंशिक क्षति हुई।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर 3600 करोड़ रुपये की राहत राशि की व्यवस्था की गई है, ताकि राहत कार्यों में कोई वित्तीय बाधा न आए।

मुख्यमंत्री का निरीक्षण और प्राथमिकता

30 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा कर राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने बचाव दलों का मनोबल बढ़ाया और प्रभावित लोगों से चर्चा कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा, "अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों की मदद करना मध्यप्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि जनता को किसी भी प्रकार की समस्या न हो।"

संवेदनशील शासन का उदाहरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदनशील शासन वही है जो समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के लिए हमेशा उपलब्ध रहे। सरकार ने सेना और भारत सरकार के सहयोग से राहत कार्यों को और प्रभावी बनाया है। सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है, और दवाइयों व खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।


📢 अक्षर सत्ता: सत्य, निष्पक्षता और गहन विश्लेषण के साथ पत्रकारिता की नई मिसाल
📞 संपर्क करें: समाचार, विज्ञापन या कवरेज के लिए 9424755191 पर संपर्क करें।
✍️ संपादक: दयाल चंद यादव (MCJ)
🌐 वेबसाइट: www.aksharsatta.page

Post a Comment

और नया पुराने