मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में श्रीराम दरबार की स्थापना और दीप प्रज्ज्वलन कर इसकी शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विक्रम परमार को उनकी समर्पित सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया।
युवा संवाद: विकसित भारत 2047 में युवाओं की भूमिका
कार्यक्रम में युवा संवाद सत्र के दौरान छात्रों ने मुख्यमंत्री से विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन मांगा। कंप्यूटर साइंस के छात्र निखिल यादव ने पूछा कि विकसित भारत 2047 की अवधारणा में मध्यप्रदेश के युवा क्या योगदान दे सकते हैं। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, "युवा अपनी पसंद के क्षेत्र में पढ़ाई पूरी करें और आदर्श किसान, शिक्षक, उद्योगपति या राजनेता बनने का सपना देखें। राज्य सरकार आपके सपनों को साकार करने के लिए आपके साथ है।"
कृषि विज्ञान की छात्रा सीमा यादव ने जनजातीय समुदाय में आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में पूछा। डॉ. यादव ने बताया कि खरगोन जिले में दो कृषि विद्यालय स्थापित किए गए हैं, जहां उन्नत खेती के गुर सिखाए जा रहे हैं। इसके अलावा, मिर्ची और अन्य स्थानीय कृषि उत्पादों के लिए खाद्य प्रसंस्करण और टेक्सटाइल उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
एमबीए के छात्र मयंक अधिकार ने मुख्यमंत्री की व्यस्त दिनचर्या के प्रबंधन के बारे में जानना चाहा। डॉ. यादव ने कहा, "पर्याप्त नींद, अच्छा स्वास्थ्य और प्रतिदिन पुस्तकें पढ़कर नया सीखने की आदत सफलता की कुंजी है। विद्यार्थी चरणबद्ध तरीके से अपने लक्ष्यों पर काम करें और समय पर उन्हें पूरा करें।"
मध्यप्रदेश सरकार की योजनाएं: आत्मनिर्भरता की ओर कदम
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को हरसंभव सहायता दे रही है। गौपालन को प्रोत्साहन देने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की गई है, जिसमें 25 से अधिक गायों के लिए 40 लाख रुपये के लोन पर 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा, दुग्ध उत्पादन को 9% से बढ़ाकर 20% करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में बड़ी ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं में गौशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिनका प्रबंधन सरकार करेगी। गंभीर मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस और गौमाता के लिए गौ-एंबुलेंस की शुरुआत की गई है। साथ ही, संगठनों को बड़ी गौशालाओं के लिए 130 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।
श्रीराम के जीवन से प्रेरणा: समाज और प्रकृति के प्रति समर्पण
मुख्यमंत्री ने श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने बताया कि भगवान राम ने समाज के हर वर्ग के प्रति प्रेम और संवेदनशीलता दिखाई। शबरी के जूठे बेर खाना, निषादराज से मित्रता और प्रकृति का संरक्षण उनके जीवन के महत्वपूर्ण पाठ हैं। डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय परंपरा में पर्व और त्योहार का अंतर है। पर्व वह है, जब हम उपवास के साथ ईश्वर की आराधना करते हैं, जबकि त्योहार में खुशियां बांटने और खान-पान की छूट होती है।
अभ्युदय विश्वविद्यालय: जनजातीय समाज के लिए नया अवसर
अभ्युदय विश्वविद्यालय के संस्थापक श्री स्वप्निल कोठारी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय जनजातीय समाज के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के माध्यम से मुख्यधारा में शामिल करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि खरगोन में यह विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री की जनजातीय कल्याण के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है। परिसर में श्रीराम दरबार की स्थापना को प्रभु श्रीराम की कृपा का प्रतीक बताया।
मध्यप्रदेश का विकास: स्वदेशी और आत्मनिर्भरता पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से प्रगति कर रहा है। मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सरकारी नौकरी के साथ-साथ आदर्श किसान, शिक्षक, उद्योगपति और राजनेता बनने का सपना देखें। सरकार फूड इंडस्ट्री, एग्रो-बेस्ड इंडस्ट्री और मेडिकल कॉलेज/हॉस्पिटल खोलने के लिए भी सहायता दे रही है।
कार्यक्रम में खरगोन सांसद श्री गजेंद्र सिंह पटेल, खण्डवा सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक श्री सचिन बिड़ला, श्री राजकुमार मेव, पूर्व विधायक श्री बालकृष्ण पाटीदार सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित थे।

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