मुजफ्फरपुर की महापौर निर्मला देवी को दो मतदाता पहचान पत्र मामले में नोटिस, तेजस्वी यादव के आरोपों ने मचाया सियासी बवाल

पटना, 14 अगस्त 2025। निर्वाचन आयोग ने बिहार के मुजफ्फरपुर की महापौर और भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता निर्मला देवी को कथित तौर पर दो मतदाता पहचान पत्र रखने के मामले में नोटिस जारी किया है। आयोग ने उनसे 16 अगस्त तक जवाब देने को कहा है। इसके साथ ही, निर्मला देवी के दो रिश्तेदारों, मनोज कुमार और दिलीप कुमार, को भी उसी विधानसभा क्षेत्र के दो अलग-अलग बूथों पर मतदाता पहचान पत्र रखने के लिए नोटिस भेजा गया है।


तेजस्वी यादव के आरोपों ने बढ़ाया विवाद

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को निर्मला देवी और उनके रिश्तेदारों पर दो-दो मतदाता पहचान पत्र रखने का सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि निर्मला देवी के पास दो EPIC नंबर (REM1251917 और GSB1835164) हैं, जिनमें उनकी उम्र भी अलग-अलग दर्ज है। तेजस्वी ने निर्वाचन आयोग पर BJP के साथ ‘वोट चोरी’ के लिए साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची ‘वोट की डकैती’ का हिस्सा है।

निर्वाचन आयोग की कार्रवाई

मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (ERO) ने निर्मला देवी और उनके रिश्तेदारों को नोटिस जारी कर 16 अगस्त की शाम 5 बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा है। नोटिस में कहा गया है कि 1 जुलाई 2025 को प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची में निर्मला देवी का नाम दो अलग-अलग बूथों (बूथ नंबर 153 और 257) पर दर्ज है, जिसमें उनके EPIC नंबर और उम्र में अंतर है।

BJP ने खारिज किए आरोप

BJP ने तेजस्वी यादव के आरोपों को ‘गलत और भ्रामक’ करार देते हुए खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि यह विपक्ष की ओर से राजनीतिक लाभ लेने की साजिश है। निर्मला देवी ने ETV भारत से बातचीत में कहा कि वह हमेशा पुरानी बाजार के राजकीय मारवाड़ी मध्य विद्यालय बूथ पर मतदान करती रही हैं और उन्हें नहीं पता कि उनका नाम दूसरे बूथ पर कैसे जुड़ा। वह दिल्ली में हैं और मुजफ्फरपुर लौटने के बाद इसकी जांच करेंगी।

बिहार विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि

बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद सियासी तूल पकड़ रहा है। तेजस्वी यादव ने निर्वाचन आयोग पर BJP नेताओं को दो मतदाता पहचान पत्र हासिल करने में मदद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि निर्मला देवी, जो BJP की संभावित उम्मीदवार हो सकती हैं, और उनके रिश्तेदारों के दो-दो वोटर ID कार्ड इस साजिश का हिस्सा हैं।

आगे क्या?

निर्वाचन आयोग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए 16 अगस्त तक जवाब मांगकर अपनी जांच तेज कर दी है। इस विवाद ने बिहार की सियासत में नया मोड़ ला दिया है, और सभी की नजरें अब निर्मला देवी और उनके रिश्तेदारों के जवाब पर टिकी हैं। यह मामला आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है।

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