सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में भगदड़: मानवाधिकार आयोग ने मांगी जांच रिपोर्ट

नई दिल्ली, 07 अगस्त 2025। मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग (MPHRC) ने सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में इस सप्ताह की शुरुआत में हुई भगदड़ की घटना पर कड़ा रुख अपनाया है। इस घटना में दो महिला श्रद्धालुओं की मौत की खबरों के बाद आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सीहोर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से 15 दिनों के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। आयोग ने भीड़ प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों, घायलों को दी गई चिकित्सा सुविधाओं और मृतकों के परिवारों को प्रदान की गई वित्तीय सहायता का विवरण भी मांगा है।


प्रदीप मिश्रा की कथा से जुड़ा मामला

यह घटना प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा आयोजित कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान हुई। सीहोर के चिटावलिया हेमा गांव में कांवड़ यात्रा से एक दिन पहले भारी भीड़ जमा हो गई थी। मंगलवार सुबह रुद्राक्ष वितरण काउंटर पर अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिलाओं की जान चली गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव टंडन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को अधिकारियों को निर्देश जारी किए। उन्होंने जांच में यह सुनिश्चित करने को कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए क्या उपाय किए गए थे और क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था थी।

कांवड़ यात्रा के दौरान तीन और मौतें

इस बीच, पुलिस सूत्रों के अनुसार, कांवड़ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य कारणों से तीन अन्य श्रद्धालुओं की मौत की खबर सामने आई है। सीहोर के पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने बताया कि मृतकों में गुजरात, हरियाणा और मध्यप्रदेश के भिंड के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। उन्होंने कहा, "ये मौतें स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हुई हैं, और मामले की जांच की जा रही है।"

आयोग का सख्त रुख

मानवाधिकार आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए यह स्पष्ट किया है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी आयोजकों और प्रशासन की है। आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

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संपादक: दयाल चंद यादव (MCJ)
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