मतदाता सूची में गड़बड़ी का दावा
राहुल गांधी ने कहा कि निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों को 'मशीन रीडेबल' प्रारूप में उपलब्ध नहीं करा रहा, ताकि इस तरह की गड़बड़ियां छिपाई जा सकें। उनकी टीम ने बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि वहां बड़े पैमाने पर हेरफेर किया गया। उन्होंने दावा किया कि बेंगलुरु मध्य के सात विधानसभा क्षेत्रों में से छह में भाजपा पिछड़ गई, लेकिन महादेवपुरा में उसे एकतरफा वोट मिले।
राहुल गांधी ने खुलासा किया कि महादेवपुरा में 1,00,250 मतों की चोरी हुई। उन्होंने कहा, "एक ही पते पर 50-50 मतदाता दर्ज थे। कई मामलों में नाम एक थे, लेकिन फोटो अलग-अलग थे।" कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया, "संविधान में एक व्यक्ति-एक वोट का सिद्धांत निहित है, लेकिन क्या यह सिद्धांत अब सुरक्षित है?"
महाराष्ट्र और हरियाणा में भी संदेह
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि सर्वेक्षणों के नतीजे कुछ और दिखा रहे थे, लेकिन वास्तविक परिणाम उससे अलग आए। उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में पांच महीनों के भीतर एक करोड़ मतदाता बढ़ गए, जो पहले पांच साल में नहीं देखा गया।" उनके अनुसार, निर्वाचन आयोग ने इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने दावा किया कि उनकी टीम ने निर्वाचन आयोग से 'मशीन रीडेबल' मतदाता सूची मांगी, लेकिन आयोग ने इसे देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "पहले हमारे पास सबूत नहीं थे, लेकिन अब हमने धांधली का पुख्ता सबूत जुटाया है।" इससे पहले, 1 अगस्त को राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग पर 'वोट चोरी' में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे आयोग ने आधारहीन और निंदनीय करार दिया था।
जनता में बढ़ता संदेह
राहुल गांधी ने कहा कि जनता में लंबे समय से संदेह था कि सत्ता विरोधी माहौल होने के बावजूद भाजपा को फायदा मिलता है। उन्होंने कहा, "जब ईवीएम नहीं थे, तब पूरा देश एक दिन में वोटिंग करता था। आज कई चरणों में मतदान होता है, जिससे धांधली की आशंका बढ़ती है।"

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