विपक्ष का आक्रोश: निर्वाचन आयोग पर गंभीर सवाल
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी नेताओं ने इस बात पर नाराजगी जताई कि रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में सीईसी ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। विपक्षी सांसदों का मानना है कि निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में अनियमितताओं, जैसे मृत व्यक्तियों के नाम शामिल होने और दोहरे मतदान के आरोपों पर कोई स्पष्टता प्रदान नहीं की।
कांग्रेस नेता नसीर हुसैन ने कहा, "हम उम्मीद कर रहे थे कि निर्वाचन आयोग जनता की चिंताओं का समाधान करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आयोग बीजेपी के प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहा है। हमें देश में निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन आयोग की जरूरत है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि विपक्ष संसदीय लोकतंत्र में उपलब्ध हर संभव लोकतांत्रिक कदम उठाने को तैयार है, जिसमें महाभियोग प्रस्ताव भी शामिल है।
महाभियोग प्रस्ताव पर विचार
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श कर रहे हैं और जल्द ही एक और बैठक कर अपनी रणनीति को अंतिम रूप देंगे। विपक्ष का कहना है कि निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर पारदर्शिता की कमी दिखाई है, जिसे वे 'वोट चोरी' का एक सुनियोजित प्रयास मानते हैं।
राहुल गांधी का तीखा हमला
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार को बिहार के सासाराम में अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान निर्वाचन आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर 'खुलेआम वोट चोरी' करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "मुझे निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर भरोसा नहीं है। मेरी प्रेस वार्ता के बाद मुझसे हलफनामा मांगा गया, लेकिन बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, जिन्होंने भी प्रेस वार्ता में ऐसे ही दावे किए, उनसे कोई हलफनामा नहीं मांगा गया।"
राहुल ने आगे कहा कि बिहार में मतदाता सूची का एसआईआर जनता के वोट चुराने का एक तरीका है। उन्होंने आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी 'वोटर अधिकार यात्रा' इस 'चोरी' को उजागर करने के लिए शुरू की गई है।
निर्वाचन आयोग का जवाब
रविवार को दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में सीईसी ज्ञानेश कुमार ने 'वोट चोरी' और दोहरे मतदान के आरोपों को 'निराधार' बताकर खारिज किया। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का उद्देश्य सूचियों की खामियों को दूर करना है और कुछ दल इस बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं। उन्होंने सभी हितधारकों से पारदर्शी तरीके से एसआईआर को सफल बनाने की अपील की।
विपक्ष की आगे की रणनीति
विपक्षी दल इस मुद्दे को संसद से सड़क तक ले जाने की तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार, वे न केवल महाभियोग प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, बल्कि देशभर में जन जागरूकता अभियान भी शुरू करने की योजना बना रहे हैं। उनका मानना है कि जनता का वोट लोकतंत्र की नींव है, और इसे सुरक्षित रखने के लिए हरसंभव कदम उठाया जाएगा।
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