शिक्षा, स्वास्थ्य, और आत्मनिर्भरता के माध्यम से सामाजिक उत्थान को बढ़ावा दे रहा एकल अभियान संच
श्री रामेश्वर दयाल ने बताया कि एकल अभियान ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, और श्रीहरि योजना इसका एक अभिन्न अंग है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक विकास को बढ़ावा देती है, जिससे गांव आत्मनिर्भर बन सकें। एकल अभियान विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इसके तहत एकल विद्यालय स्थापित किए जाते हैं, जो दूर-दराज के गांवों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं।
श्रीहरि योजना: ग्रामीण भारत का समग्र विकास
श्रीहरि योजना के तहत न केवल शिक्षा, बल्कि स्वास्थ्य और सामाजिक विकास के कार्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं। यह योजना स्वास्थ्य शिविरों, जागरूकता कार्यक्रमों, और चिकित्सा सुविधाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का प्रयास करती है। इसके अलावा, यह योजना सामाजिक जागरूकता, महिला सशक्तिकरण, और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देती है। श्री दयाल ने कहा, "श्रीहरि योजना का उद्देश्य गांवों का समग्र विकास है, जो ग्रामीण भारत को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
एक लाख गांवों तक पहुंचा एकल अभियान
30 दिवसीय अखंड श्री रामचरित मानस पाठ के आयोजन में शामिल होने पहुंचे श्री रामेश्वर दयाल ने बताया कि एकल अभियान की शुरुआत 1989 में झारखंड के धनबाद जिले के टुंडी ब्लॉक से हुई थी। उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री भाऊराव देवरस ने ग्रामीणों की दो प्रमुख मांगों—शिक्षा और प्राथमिक चिकित्सा—को पूरा करने का संकल्प लिया। 60 गांवों से शुरू हुआ यह अभियान 1999 तक झारखंड में प्रयोग के रूप में चला और वर्ष 2000 से इसे अखिल भारतीय स्वरूप प्रदान किया गया। आज यह योजना देश के 1 लाख गांवों तक पहुंच चुकी है और प्रत्येक राज्य में कार्यरत है।
वर्तमान में 4000 प्रशिक्षित सेवा वृत्ति कार्यकर्ता और 6000 पूर्णकालिक कार्यकर्ता इस अभियान में समर्पण भाव से कार्य कर रहे हैं। श्री दयाल ने बताया कि अभियान का लक्ष्य 4 लाख ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचना और स्थानीय समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर करना है।
स्थानीय नेतृत्व को सशक्त करने के लिए 9 माह का प्रशिक्षण
श्री दयाल ने बताया कि एकल अभियान के तहत ग्रामीण युवक-युवतियों को 9 महीने का प्रशिक्षण देकर आचार्य के रूप में तैयार किया जाता है। ये आचार्य स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करते हैं और पांच प्रमुख क्षेत्रों—प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा, प्राकृतिक चिकित्सा, ग्राम विकास, और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन—पर केंद्रित कार्य करते हैं।
श्रीहरि योजना के तहत ग्रामीण युवाओं को कथाओं के माध्यम से सामाजिक जागरूकता और आस्था को सुदृढ़ करने का कार्य किया जाता है। इसके अलावा, कम्प्यूटर मोबाइल वैन के माध्यम से ग्रामीण बच्चों को उनके गांव में ही कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान की जा रही है। यह पहल ग्रामोत्थान का हिस्सा है, जिसमें बेसिक कोर्स के बाद उन्नत प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाता है।
एकल अभियान: ग्रामीण भारत का भविष्य
एकल अभियान श्रीहरि योजना के माध्यम से ग्रामीण भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य, और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। यह योजना न केवल गांवों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान को बढ़ावा देती है, बल्कि स्थानीय स्तर पर नेतृत्व और जागरूकता को भी प्रोत्साहित करती है।


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