नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 – भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कई बड़े ऐलान किए। अपने भाषण में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जिक्र किया, जिसने पाकिस्तान में तबाही मचाकर उसकी नींद उड़ा दी है। साथ ही, उन्होंने सिंधु जल समझौते को "अन्यायपूर्ण और एकतरफा" करार देते हुए इसे भारत के लिए अस्वीकार्य बताया।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को करारा जवाब
प्रधानमंत्री ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के वीर जाबांजों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है।" उन्होंने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, के बाद भारत ने इस ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। "पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि उनकी नींद उड़ गई है। अगर दुश्मनों ने आगे भी कोई हिमाकत की, तो हमारी सेना तय करेगी कि कब, कहां और कैसे जवाब देना है," मोदी ने चेतावनी दी।
सिंधु जल समझौता: भारत के किसानों का हक
मोदी ने सिंधु जल समझौते को भारत के लिए नुकसानदायक बताते हुए कहा, "यह समझौता हमारे किसानों को वंचित करता है। हमारे दुश्मनों के खेतों की सिंचाई होती है, जबकि भारत के किसान प्यासे रहते हैं।" उन्होंने घोषणा की कि भारत अब इस समझौते को बर्दाश्त नहीं करेगा और सिंधु नदी का पानी सिर्फ भारत के लिए इस्तेमाल होगा। यह कदम पहलगाम हमले के बाद लिया गया, जिसके बाद भारत ने इस संधि को निलंबित करने का फैसला किया था।
स्वच्छ ऊर्जा और परमाणु शक्ति में भारत की प्रगति
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत ने 2030 के लक्ष्य से पांच साल पहले ही 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली है। साथ ही, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 10 नए परमाणु रिएक्टरों पर काम चल रहा है और 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना बढ़ाने का लक्ष्य है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उड़ान
मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि देश अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के एक्सिओम-4 मिशन की सफलता का उल्लेख किया, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले पहले भारतीय बने। "गगनयान मिशन की तैयारियां जोरों पर हैं, और भारत जल्द ही अंतरिक्ष में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा," उन्होंने कहा।
अनुच्छेद 370 और श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि बताया। उन्होंने कहा, "मुखर्जी ने भारत के संविधान के लिए बलिदान दिया था। अनुच्छेद 370 हटाकर हमने 'एक देश, एक संविधान' के मंत्र को साकार किया।"
प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदना
मोदी ने हाल की प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं पर दुख जताया और कहा, "प्रकृति हमारी परीक्षा ले रही है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर राहत और पुनर्वास के लिए काम कर रही हैं।"
स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि
लाल किले पर आयोजित समारोह में 5,000 से अधिक विशिष्ट अतिथि शामिल हुए, जिनमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, लखपति दीदी, ग्राम सरपंच, और अंतरराष्ट्रीय खेलों के विजेता शामिल थे। विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी, स्वच्छता कर्मी, और आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि भी इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बने।
केसरिया साफा और तिरंगे की शान
प्रधानमंत्री मोदी केसरिया साफे और तिरंगे की किनारी वाले गमछे के साथ लाल किले पर नजर आए। यह उनकी 12वीं बार थी जब उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से तिरंगा फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया। उनकी यह परंपरा रंग-बिरंगे साफों के साथ हर साल चर्चा में रहती है।
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