पटियाला/नई दिल्ली, 01 सितंबर 2025
पंजाब में भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। सैकड़ों गांव जलमग्न हो चुके हैं, और घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने से भंखरपुर सहित कई इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
“हमारी टीमें जिले भर में नदी तटों और संवेदनशील गांवों में तैनात हैं। घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बरतना आवश्यक है,” पटियाला की उपायुक्त डॉ. प्रीति यादव ने कहा।
घग्गर नदी का उफान, कई गांवों में अलर्ट
पंजाब के भंखरपुर इलाके के पास घग्गर नदी का जलस्तर सोमवार को खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। जिला प्रशासन ने राजपुरा उप-मंडल के घनौर और सनौर विधानसभा क्षेत्रों के गांवों—ऊंटसर, नन्हेड़ी, संजारपुर, लछरु, कमलपुर, रामपुर, सौंता, मारू, चमरू, भस्मरा, जलालखेड़ी, राजूखेड़ी, हडाना, पूर, धरमेरी, उल्टपुर, और सिरकपरा—में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और नदी किनारे न जाने की हिदायत दी है।
पटियाला की उपायुक्त डॉ. प्रीति यादव ने बताया कि स्थानीय नाले, तालाब, और नदियां जैसे घग्गर, गंगरी, और मार्कंडा उफान पर हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जल स्रोतों के पास की अस्थायी सड़कों का उपयोग न करें और अनावश्यक यात्रा से बचें। साथ ही, उन्होंने पुलों या उफनती जलधाराओं के पास तस्वीरें लेने या घूमने से मना किया।
पंजाब में बाढ़ की स्थिति: स्कूल बंद, राहत कार्य तेज
लगातार बारिश के कारण पंजाब में हालात गंभीर बने हुए हैं। अगस्त 2025 में 253.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 74% अधिक है और पिछले 25 वर्षों में सबसे ज्यादा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इसे दशकों की सबसे भीषण बाढ़ बताया, जिसने 1,000 से अधिक गांवों और लाखों लोगों को प्रभावित किया है। राहत कार्यों के लिए सेना, एनडीआरएफ, और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हैं। स्कूलों को 3 सितंबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया है।
यमुना नदी का खतरा: दिल्ली-हरियाणा में हाई अलर्ट
पंजाब के साथ-साथ हरियाणा और दिल्ली में भी यमुना नदी के उफान से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हथिनी कुंड बैराज से रविवार सुबह 2.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो हाई फ्लड स्तर माना जाता है। सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आर.एस. मित्तल ने बताया कि अगले 48 घंटों में यह पानी दिल्ली पहुंचेगा, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। नहरों की सप्लाई बंद कर दी गई है, और सारा पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है।
हिमाचल में भूस्खलन और रेड अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। शिमला में दो अलग-अलग भूस्खलन की घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। शिमला-कालका रेलवे मार्ग पर भूस्खलन के कारण छह ट्रेनें रद्द कर दी गईं, और 793 सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग ने मंगलवार तक रेड अलर्ट जारी किया है। शिमला के जुंगा में वीरेंद्र कुमार और उनकी 10 साल की बेटी की भूस्खलन में मृत्यु हो गई, जबकि कोटखाई के चोल गांव में एक बुजुर्ग महिला मलबे में दब गई।
सरकारी प्रयास और राहत कार्य
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के अधिकारियों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राहत कार्यों की निगरानी के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, और एनडीआरएफ, सेना, और पुलिस लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। हिमाचल में भी राहत कार्य जारी हैं, और यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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