चुनाव आयोग का सख्त रुख
दिल्ली के जिला निर्वाचन अधिकारी ने नोटिस में कहा, "आपके द्वारा एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया गया है, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत दंडनीय अपराध है। आपको कारण बताना होगा कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।" नोटिस में खेड़ा के नाम जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र (पूर्वी दिल्ली लोकसभा) और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र (नई दिल्ली लोकसभा) की मतदाता सूची में होने का उल्लेख है। यह नोटिस मंगलवार शाम को जारी किया गया, और खेड़ा को जवाब देने के लिए छह दिन का समय दिया गया है।
बीजेपी का हमला: "कांग्रेस है वोट चोर"
विवाद की शुरुआत बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के सोशल मीडिया पोस्ट से हुई, जिसमें उन्होंने खेड़ा पर दो सक्रिय EPIC नंबर (SJE0755967 और XHC1992338) रखने का आरोप लगाया। मालवीय ने दावा किया कि यह न केवल चुनावी कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि इससे दोहरे मतदान की आशंका भी पैदा होती है। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी 'वोट चोरी' का शोर मचाते हैं, लेकिन उनकी पार्टी के प्रवक्ता खुद दो वोटर आईडी रखकर नियम तोड़ रहे हैं। चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिए कि क्या खेड़ा ने एक से अधिक बार वोट डाला।" बीजेपी ने इसे कांग्रेस की "वोट चोरी" की रणनीति का हिस्सा बताते हुए पार्टी पर तीखा हमला बोला। मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वर्षों तक अवैध मतदाताओं को वैधता देकर जनादेश चुराया है।
पवन खेड़ा का पलटवार: "चुनाव आयोग की लापरवाही"
पवन खेड़ा ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए इसे चुनाव आयोग की लापरवाही का नतीजा बताया। उन्होंने कहा, "मैंने 2016 में जंगपुरा से स्थानांतरित होने के बाद मतदाता सूची से अपना नाम हटाने के लिए आवेदन किया था। अगर मेरा नाम अभी भी वहां है, तो यह मेरी गलती नहीं, बल्कि चुनाव आयोग की व्यवस्थागत विफलता है।" खेड़ा ने मालवीय के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा, "बीजेपी ने मुझे निशाना बनाकर अनजाने में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठा दिया। मैं जानना चाहता हूं कि मेरे नाम पर नई दिल्ली में कौन वोट डाल रहा है। मुझे उसकी सीसीटीवी फुटेज चाहिए।" खेड़ा ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस लंबे समय से मतदाता सूची में गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठा रही है, और यह मामला उनकी बात को और मजबूत करता है।
सियासी घमासान और राहुल गांधी का कनेक्शन
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार में "वोटर अधिकार यात्रा" के जरिए मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं को लेकर बीजेपी और चुनाव आयोग पर हमलावर हैं। मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह "वोट चोरी" का आरोप लगाते हैं, लेकिन उनकी पार्टी के नेता ही नियम तोड़ रहे हैं। बीजेपी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या राहुल गांधी पवन खेड़ा के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे।
क्या है जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 18 के तहत, एक व्यक्ति का एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकरण गैरकानूनी है। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना, कारावास, या दोनों हो सकते हैं। यदि जांच में खेड़ा के खिलाफ आरोप सिद्ध होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
पवन खेड़ा का दो वोटर आईडी मामला न केवल एक व्यक्तिगत विवाद बन गया है, बल्कि यह बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक बड़े सियासी टकराव का कारण भी बन रहा है। जहां बीजेपी इसे कांग्रेस की "वोट चोरी" की साजिश बता रही है, वहीं खेड़ा इसे चुनाव आयोग की नाकामी करार दे रहे हैं। अब सभी की नजरें 8 सितंबर को खेड़ा के जवाब और चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। इस मामले का असर आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है, जहां दोनों पार्टियां पहले से ही आमने-सामने हैं।
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