लांजी, बालाघाट, 07 सितंबर 2025 – लांजी-गोंदिया राजमार्ग, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों के आवागमन को सुगम बनाने और गोंदिया जिला मुख्यालय से नजदीकी बढ़ाने के लिए पांच वर्ष पहले योजना मद से बनाया गया था, आज अपनी खस्ता हालत के कारण राहगीरों के लिए खतरा बन गया है। 18 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं, विशेष रूप से कलपाथरी गांव में एक पुलिया के बीचों-बीच लगभग 5 फीट गहरा गड्ढा हादसों को न्योता दे रहा है। इस मार्ग की बदहाली ने पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे की व्यापारिक और क्षेत्रीय विकास की मंशा को पलीता लगा दिया है।
गड्ढों के कारण बढ़ता हादसों का जोखिम
लांजी-गोंदिया राजमार्ग की खराब हालत के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढों के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी हो जाती है, और कई बार टायर फटने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। बरसात में गड्ढों में पानी भर जाने से स्थिति और गंभीर हो जाती है, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से कलपाथरी गांव में पुलिया पर बना गहरा गड्ढा कभी भी जनहानि का कारण बन सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तेज रफ्तार वाहनों के कारण इस मार्ग पर हादसे आम हो गए हैं।
प्रशासनिक उदासीनता और ठेकेदारों की लापरवाही
इस मार्ग की बदहाली के लिए प्रशासनिक उदासीनता और ठेकेदारों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। निर्माण के दौरान अधिकारियों ने सतत निरीक्षण में गंभीरता नहीं दिखाई, जिसके परिणामस्वरूप करोड़ों रुपये की लागत से बना यह राजमार्ग मात्र पांच वर्षों में जर्जर हो गया। सूचना के अनुसार, ठेकेदार ने भूमिपूजन स्थल से एक किलोमीटर तक सड़क निर्माण ही नहीं किया और निर्माण कार्य दूसरे सूचना पटल से शुरू किया गया। जब इस संबंध में एसडीओ सुखराम नेवारे को सूचित किया गया, तो उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।
सिर्फ नाम का रह गया राजमार्ग
लांजी-गोंदिया राजमार्ग अब केवल नाम का राजमार्ग रह गया है। इसकी स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि यह किसी पगडंडी से कम नहीं लगता। अधिकारियों और ठेकेदारों की कथित मिलीभगत के कारण सरकार के करोड़ों रुपये पानी में बह गए हैं। गड्ढों की मरम्मत के लिए बार-बार शिकायतें की गईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यह मार्ग अब यात्रियों के लिए जोखिम भरा बन गया है।
राजनीतिक विवाद और श्रेय की होड़
इस मार्ग के निर्माण के दौरान भी विवाद सामने आए थे। जिला पंचायत सदस्य और बेटी बचाओ अभियान की राष्ट्रीय सचिव ज्योति उमरे ने तत्कालीन विधायक हिना कावरे पर निर्माण पूरा होने से पहले ही लोकार्पण करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि नेताओं में श्रेय लेने की होड़ के कारण सड़क की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि, समय के साथ यह राजनीतिक विवाद शांत हो गया, और ज्योति उमरे अब कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता हैं।
तत्काल कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोग और राहगीर इस मार्ग की मरम्मत और गड्ढों को भरने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को तत्काल कदम उठाकर सड़क को सुरक्षित बनाना चाहिए, ताकि हादसों को रोका जा सके। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में बड़े हादसों की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
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