लांजी, बालाघाट | 09 सितंबर 2025। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी से महाराष्ट्र के गोंदिया को जोड़ने वाला राजमार्ग अब अपनी बदहाली के कारण सुर्खियों में है। पांच वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 18 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से किया गया था। मगर आज यह राजमार्ग गड्ढों की वजह से यात्रियों के लिए जोखिम भरा बन गया है। खासकर कलपाथरी गांव में एक पुलिया के बीचों-बीच करीब 5 फीट गहरा गड्ढा उभर आया है, जो किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
राजमार्ग की बदहाली और यात्रियों की परेशानी
लांजी-गोंदिया राजमार्ग का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने और लांजीवासियों की आमगांव पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से किया गया था। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष और क्षेत्र की पूर्व विधायक हिना कावरे की यह महत्वाकांक्षी परियोजना थी, जिसका लक्ष्य गोंदिया जिला मुख्यालय से नजदीकी बढ़ाना और नागपुर व रायपुर से व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना था। लेकिन, निर्माण के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और ठेकेदारों की कथित लापरवाही और मिलीभगत ने इस मार्ग को बदहाल कर दिया।
जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढों ने इस सड़क को पगडंडी जैसा बना दिया है। बारिश के कारण गड्ढों में पानी भर जाने से स्थिति और भी खतरनाक हो गई है। तेज रफ्तार वाहनों के लिए ये गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि गड्ढों के कारण वाहनों की गति धीमी हो जाती है, टायर फटने की घटनाएं आम हैं, और कई बार वाहन चालक संतुलन खोकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
प्रशासन और ठेकेदारों पर लापरवाही का आरोप
इस मार्ग की बदहाली के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। निर्माण के दौरान सतत निरीक्षण की कमी और गुणवत्ता पर ध्यान न देने के कारण सड़क महज पांच साल में ही जर्जर हो गई। सूचना के अनुसार, ठेकेदार ने जहां से भूमिपूजन किया गया, वहां से एक किलोमीटर तक सड़क का निर्माण ही नहीं किया, और उसके बाद दूसरे सूचना पटल से काम शुरू किया गया। यह स्पष्ट रूप से निर्माण में अनियमितता और लापरवाही को दर्शाता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब इस मामले की शिकायत पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ सुखराम नेवारे को दी गई, तो उन्होंने इसकी अनदेखी की। इससे ग्रामीणों में आक्रोश और बढ़ गया है।
विधायक के निर्देशों की अनदेखी
क्षेत्रीय विधायक राजकुमार कर्राहे ने ग्राम रमपुरा, कलपाथरी, सांवरीखुर्द, और डोंगरगांव में सड़क की जर्जर स्थिति और गड्ढों की समस्या को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग और संबंधित अधिकारियों को मरम्मत के निर्देश दिए थे। मगर, इन निर्देशों का पालन नहीं हुआ, और सड़क की स्थिति जस की तस बनी हुई है। विधायक ने कहा, "मुझे लगातार गड्ढों की शिकायत मिल रही है। मैंने अधिकारियों और जीएम को मरम्मत के लिए निर्देश दिए हैं, और जल्द ही इसकी जानकारी लेकर इसे ठीक करवाया जाएगा।"
लोकार्पण विवाद और राजनीतिक आरोप
इस सड़क के निर्माण के समय भी विवाद सामने आया था। जिला पंचायत सदस्य और बेटी बचाओ अभियान की राष्ट्रीय सचिव ज्योति उमरे ने तत्कालीन विधायक हिना कावरे पर सड़क निर्माण पूरा होने से पहले ही लोकार्पण करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि नेताओं में श्रेय लेने की होड़ के कारण ऐसी जल्दबाजी की गई, जो जनहित में नहीं थी। उस समय जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सरस्वार को भी लोकार्पण समारोह में आमंत्रित किया गया था, लेकिन हिना कावरे इस समारोह में शामिल नहीं हुई थीं। हालांकि, समय के साथ यह राजनीतिक विवाद शांत हो गया, और ज्योति उमरे अब कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता हैं।
स्थानीय लोगों की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभाग तत्काल इस सड़क की मरम्मत करे, खासकर कलपाथरी में पुलिया पर बने 5 फीट गहरे गड्ढे को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए। साथ ही, निर्माण में हुई अनियमितताओं की जांच और जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठ रही है।
लांजी-गोंदिया राजमार्ग की बदहाल स्थिति न केवल यात्रियों के लिए खतरा है, बल्कि यह सरकारी धन के दुरुपयोग और प्रशासनिक लापरवाही का भी जीता-जागता उदाहरण है। यदि समय रहते इस सड़क की मरम्मत और सुधार कार्य नहीं किया गया, तो यह मार्ग और भी बड़े हादसों का कारण बन सकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

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