लांजी, बालाघाट | 09 सितंबर 2025। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी तहसील अंतर्गत ग्राम सांवरीखुर्द में एक दुखद हादसे ने विद्युत विभाग की लापरवाही को फिर से उजागर किया है। एलटी लाइन के कार्य के दौरान एक निजी लाइनमैन की 11 केवी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय लोगों में विद्युत विभाग के खिलाफ गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है, और मृतक के परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग तेज हो गई है।
हादसे का विवरण
मृतक की पहचान खेदसिंह (35 वर्ष), पिता त्रिलोक सिंह, जाति लोधी, निवासी ग्राम तेजगढ़, जिला दमोह के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, सांवरीखुर्द में विद्युत विभाग की एलटी लाइन के लिए खंभा गाड़ने का कार्य चल रहा था। इस दौरान शटडाउन लिया गया था, लेकिन पास से गुजर रही 11 केवी हाईटेंशन लाइन चालू थी। शाम 4:30 से 5:00 बजे के बीच, खंभा खड़ा करते समय एलटी लाइन का खंभा 11 केवी लाइन के संपर्क में आ गया, जिसके कारण खेदसिंह को करंट का तेज झटका लगा और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
हादसे में एक अन्य मजदूर को भी खंभे के गिरने से हाथ में चोट आई। घायल मजदूर को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जबकि खेदसिंह को सिविल अस्पताल लांजी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
विद्युत विभाग की लापरवाही पर सवाल
स्थानीय लोगों और मृतक के परिजनों ने विद्युत विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि उचित सुरक्षा उपाय किए गए होते और हाईटेंशन लाइन को कार्य के दौरान बंद किया गया होता, तो यह हादसा टाला जा सकता था। घटना के बाद, सांवरीखुर्द के निवासियों ने विद्युत विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया और मृतक के परिवार को तत्काल मुआवजा देने की मांग की।
कंपनी के इंजीनियर इंद्रजीत राव ने बताया, "सांवरी फीडर का कार्य चल रहा था। खंभा खड़ा करने के दौरान, लगभग 8 मीटर की दूरी पर चालू 11 केवी लाइन से एलटी खंभा संपर्क में आ गया, जिसके कारण यह हादसा हुआ।" उन्होंने माना कि हादसा दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि मामले की जांच की जा रही है।
ग्रामीणों का आक्रोश और मुआवजे की मांग
घटना के बाद, ग्राम सांवरीखुर्द में शोक और आक्रोश का माहौल है। मृतक खेदसिंह के परिवार में उनकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जो अब उनके बिना असहाय स्थिति में हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि विद्युत विभाग मृतक के परिवार को कम से कम 20 लाख रुपये का मुआवजा दे और इस तरह की लापरवाही को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रमेश ठाकुर ने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण किसी गरीब मजदूर की जान गई है। विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।"
प्रशासन का रुख
घटना की सूचना मिलते ही लांजी थाना पुलिस और विद्युत विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए लांजी सिविल अस्पताल भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय विधायक ने भी घटनास्थल का दौरा किया और मृतक के परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि यह विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली लाइनों की मरम्मत और रखरखाव के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि लापरवाही की कीमत एक बेकसूर इंसान की जान से चुकानी पड़ सकती है।

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