बंदरों का आतंक: दो महीने के मासूम को पानी के ड्रम में डुबोकर मार डाला

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दिल दहलाने वाली घटना

सीतापुर,  06 अगस्त 2025। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के मछरेहटा थाना क्षेत्र के सूरजपुर गांव में एक हृदयविदारक घटना ने पूरे समुदाय को स्तब्ध कर दिया है। गुरुवार को बंदरों के एक झुंड ने दो महीने के मासूम बच्चे को चारपाई से उठाकर घर की छत पर रखे पानी के ड्रम में डुबो दिया, जिससे उसकी दुखद मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ा झटका है।


घटना का विवरण: चारपाई से अपहरण

घटना उस समय हुई जब अनुज कुमार का दो महीने का बच्चा, जो "अपूर्ण त्वचा क्षति" नामक बीमारी से पीड़ित था और लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में इलाज करा रहा था, घर के बरामदे में चारपाई पर सो रहा था। बच्चे की मां, सविता, उस समय नहाने गई थी। इसी दौरान बंदरों का एक झुंड घर में घुस आया और मासूम को उठाकर छत पर ले गया।

परिवार को बच्चे के गायब होने का पता तब चला जब सविता नहाकर लौटी और चारपाई खाली पाई। घबराए परिवार ने तुरंत बच्चे की खोजबीन शुरू की। काफी तलाश के बाद, बच्चे का शव घर की छत पर रखे पानी से भरे ड्रम में तैरता हुआ मिला। बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिवार का दुख और अंतिम संस्कार

यह बच्चा अनुज और सविता की पहली संतान था, जिसका जन्म दो महीने पहले ही हुआ था। इस अचानक हुई त्रासदी ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। परिजनों ने पुलिस को सूचित किए बिना गुरुवार देर शाम बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया। शुक्रवार सुबह जब यह खबर गांव में फैली, तो पूरे समुदाय में शोक और आक्रोश का माहौल छा गया।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

सूचना मिलने पर मछरेहटा थाना पुलिस ने तुरंत घटनास्थल का दौरा किया। प्रभारी निरीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि बच्चे का पिता, अनुज कुमार, घर के बाहर एक इलेक्ट्रिक की दुकान चलाता है। पुलिस ने परिवार के बयानों को दर्ज किया है और वन विभाग को बंदरों के झुंड को नियंत्रित करने के लिए सूचित किया है। हालांकि, परिवार की ओर से अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है ताकि इस असामान्य घटना के कारणों का पता लगाया जा सके।

गांव में बंदरों का आतंक: ग्रामीणों का आक्रोश

सूरजपुर गांव और आसपास के इलाकों में बंदरों का आतंक लंबे समय से एक गंभीर समस्या बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि बंदर अक्सर घरों में घुसकर सामान नष्ट करते हैं और कई बार लोगों पर हमला भी कर चुके हैं। इस घटना के बाद, ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने पहले भी कई बार इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

एक दुखद और असामान्य त्रासदी

यह घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि यह सीतापुर और आसपास के क्षेत्रों में बंदरों के बढ़ते खतरे को भी उजागर करती है। प्रशासन और वन विभाग पर अब दबाव है कि वे इस समस्या का स्थायी समाधान निकालें। इस बीच, अनुज और सविता के परिवार के प्रति पूरे गांव की संवेदनाएं हैं, जो इस असहनीय दुख को झेल रहे हैं।

Post a Comment

और नया पुराने