लांजी में साप्ताहिक बाजार की बाउंड्री वॉल निर्माण पर विवाद: निवासी ने SDM को सौंपा आवेदन, आरोप- जानबूझकर अवरुद्ध किया जा रहा मार्ग

लांजी, बालाघाट (04 अगस्त 2025): मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी शहर में साप्ताहिक बाजार क्षेत्र में नगर परिषद द्वारा की जा रही बाउंड्री वॉल निर्माण कार्य पर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय निवासी धनेश कुमार दुरुगकर ने अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM) को आवेदन सौंपकर निर्माण कार्य रोकने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह निर्माण उनकी पैतृक भूमि तक पहुंचने वाले मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर देगा, जिससे उनकी और अन्य किसानों की जमीन बेकार हो जाएगी।


विवाद की जड़: पैतृक भूमि और बाजार क्षेत्र का टकराव

धनेश कुमार दुरुगकर, जो वार्ड नंबर 12 के निवासी हैं, ने अपने आवेदन में कहा है कि नगर परिषद लांजी द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (चतुर्थ चरण) के तहत 3 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि से साप्ताहिक बाजार में बाउंड्री वॉल बनाई जा रही है। यह बाजार ग्राम पंचायत बिसोनी के वार्ड क्रमांक 10 के अंतर्गत आता है, जहां हर रविवार को बाजार लगता है। आवेदक का दावा है कि निर्माण कार्य उनकी पैतृक भूमि के सामने किया जा रहा है, जो जानबूझकर उनके अधिकारों का उल्लंघन है।

"नगर परिषद द्वारा द्वेष भावना से काम किया जा रहा है। इससे हमारी पैतृक भूमि तक पहुंचने का मार्ग बंद हो जाएगा और आधा दर्जन से अधिक लोगों की जमीन प्रभावित होगी," धनेश दुरुगकर ने बताया। उन्होंने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि राजस्व अधिकारी दुर्भावना से काम नहीं करेंगे, भले ही राज्य या नगर परिषद मुकदमे में पक्ष हो। साथ ही, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 145 के तहत कार्यपालक मजिस्ट्रेट को भूमि विवादों में हस्तक्षेप करने की शक्ति है, ताकि लोक शांति बनी रहे।

ग्राम पंचायत बिसोनी की भूमिका: NOC की मांग और मार्गदर्शन की अपील

इस मामले में ग्राम पंचायत बिसोनी के उपसरपंच पवन कश्यप ने भी आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि उक्त भूमि आज भी ग्राम बिसोनी के हल्का नंबर में दर्ज है, इसलिए नगर परिषद को निर्माण से पहले NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त करना चाहिए था। "नगर परिषद ने निर्माण शुरू करने के बाद आवेदन किया, जो गलत है। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए हमने SDM और जनपद पंचायत के CEO से मार्गदर्शन मांगा है," पवन कश्यप ने कहा।

ग्राम पंचायत के सचिव नीलेश्वर मोरघड़े ने भी SDM और जनपद CEO को आवेदन सौंपा है, जिसमें बाजार क्षेत्र के चारों ओर किसानों की खेती की भूमि होने का जिक्र है। उन्होंने पूछा है कि ऐसी स्थिति में NOC कैसे जारी की जाए?

SDM की कार्रवाई: नगर परिषद से मांगी रिपोर्ट, लेकिन रोक पर संशय

आवेदन मिलने पर SDM लांजी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नगर परिषद से वस्तुस्थिति की रिपोर्ट मांगी है। तहसील कार्यालय से जारी आदेश में उल्लेख है कि आवेदक धनेश कुमार दुरुगकर (पिता डेमेश्वर दुरुगकर, जाति कलार, निवासी वार्ड 15, लांजी) ने अनावश्यक बाउंड्री वॉल निर्माण का आरोप लगाया है। हालांकि, आदेश में रिपोर्ट जमा करने की समयसीमा नहीं बताई गई है, जिससे निर्माण कार्य पर रोक लगने की संभावना पर संदेह बना हुआ है।

धनेश दुरुगकर ने कहा कि SDM के आदेश में निर्माण रोकने का स्पष्ट उल्लेख नहीं होने से संशय है। "अगर जरूरी हुआ तो हम सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे," उन्होंने चेतावनी दी।

ऐतिहासिक संदर्भ: भूमि दान और पंचायत से नगर परिषद का सफर

उल्लेखनीय है कि साप्ताहिक बाजार की भूमि वर्षों पहले भूमिस्वामी द्वारा नगर परिषद लांजी को दान में दी गई थी, जब यह ग्राम पंचायत के रूप में जानी जाती थी। अब यह नगर परिषद है, लेकिन क्षेत्र ग्राम पंचायत बिसोनी के अंतर्गत आता है, जिससे प्रशासनिक विवाद उत्पन्न हो रहा है।

यह मामला लांजी में विकास कार्यों और स्थानीय अधिकारों के बीच टकराव का उदाहरण है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे विवादों में NOC और स्थानीय सहमति जरूरी है, अन्यथा अदालती हस्तक्षेप बढ़ सकता है।

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