लोकायुक्त की सख्ती: सिवनी के घनौरा ग्राम पंचायत सरपंच को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की मुहिम तेज

जबलपुर, 31 अक्टूबर 2025। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई तेज हो गई है। शुक्रवार को जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने सिवनी जिले की ग्राम पंचायत घनौरा के सरपंच दिनेश कुमार कोरेती को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई ग्रामीणों के घर निर्माण जैसे बुनियादी अधिकारों पर अवैध वसूली रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आरोपी सरपंच से रिश्वत की राशि जब्त कर ली गई है और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सख्त मुकदमा दर्ज किया गया।

लोकायुक्त के एसपी अंजुलता पटले ने बताया कि यह मामला घनौरा गांव के नायक कॉलोनी निवासी राधेश्याम बंजारा से जुड़ा है। राधेश्याम ने अपनी आबादी वाली जमीन पर मकान निर्माण का कार्य शुरू किया था, जो सरकारी नियमों के अनुरूप था। लेकिन सरपंच दिनेश कुमार कोरेती ने इसमें बेवजह आपत्ति जताई और निर्माण की अनुमति देने के बदले 1 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। राधेश्याम ने कई बार सरपंच से बात की, लेकिन वह नहीं माने। आखिरकार, परेशान राधेश्याम ने जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत मिलते ही लोकायुक्त टीम ने गहन सत्यापन किया। शुक्रवार को ट्रैप ऑपरेशन के दौरान सरपंच को पहली किस्त के रूप में 20 हजार रुपये लेते हुए दबोच लिया गया। एसपी पटले ने कहा, "यह कार्रवाई ग्रामीण स्तर पर फैले भ्रष्टाचार को उजागर करती है। हम ऐसी शिकायतों पर तुरंत एक्शन ले रहे हैं ताकि आम नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना रुकावट मिल सके।" उन्होंने आगे बताया कि आरोपी सरपंच को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है और मामले की गहन जांच जारी है। यदि अन्य लोग भी इसमें लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

इस ट्रैप दल में मुख्य रूप से दल प्रभारी निरीक्षक राहुल गजभिए, निरीक्षक शशि कला, निरीक्षक जितेंद्र यादव सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। लोकायुक्त टीम ने मौके पर सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कीं और रिश्वत के नोटों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की हालिया कार्रवाइयां: एक नजर

मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की सक्रियता बढ़ रही है। हाल के महीनों में सिवनी और जबलपुर क्षेत्र में कई बड़े मामले सामने आए हैं:

  • अक्टूबर 2025: केवलारी थाने के हेड कांस्टेबल को 75 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
  • मई 2025: ग्राम पंचायत डूडी के सरपंच को 10 हजार और संकुल प्राचार्य को 4 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
  • मार्च 2025: बनखेड़ी पंचायत सरपंच को पीएम आवास योजना के नाम पर 5 हजार रुपये वसूलते रंगे हाथों दबोचा।

ये घटनाएं दर्शाती हैं कि ग्रामीण विकास योजनाओं में रिश्वतखोरी की जड़ें गहरी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कार्रवाइयां न केवल आरोपी को सजा दिलाती हैं, बल्कि अन्य अधिकारियों के लिए चेतावनी का काम करती हैं। सिवनी जिले के जिलाधिकारी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंचायती राज व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए अतिरिक्त निगरानी बढ़ाई जाएगी।

राधेश्याम बंजारा ने लोकायुक्त टीम को धन्यवाद देते हुए कहा, "मैंने सोचा भी नहीं था कि इतनी जल्दी न्याय मिलेगा। अब मेरा मकान बिना किसी बाधा के बन सकेगा।" यह घटना ग्रामीण भारत में न्याय की पहुंच को मजबूत करने का प्रतीक है।

लोकायुक्त जबलपुर कार्यालय ने नागरिकों से अपील की है कि यदि कहीं भ्रष्टाचार का शिकायत हो, तो तुरंत संपर्क करें। हेल्पलाइन नंबर: 1800-233-0007।

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