प्रभु के दर्शन - खेत वाले मकान में
चंपा की सुगंध 
रातरानी की महक
हरसिंगार की खुशबू
मन हर्षाती बहती है पवन 
खेत वाले मकान में
प्रभु की सुगंध, कई रूपों में 
मिलती है, खेत वाले मकान में 
श्वेत-श्याम सुंदर चिड़िया 
सुनहरी गर्दन वाले बगुले
हरी छोटी चिड़िया 
छोटी, गहरी नीली चिड़िया
बड़ी हरी चिड़िया, पीले पंखों वाली 
कोयल भी होती है 
खेत वाले मकान में 
प्रभु का दर्पण, कई रूपों में
दिखता है, खेत वाले मकान में
मोर - मोरनी, तरह-तरह के पंछी 
गौरैया कई छटाओं वाली
नीलकंठ के दुर्लभ दर्शन 
होते हैं,खेत वाले मकान में 
प्रभु दिखते हैं, कई रूपों में 
खेत वाले मकान में
कीट-पतंगे अद्भुत छटाओं वाले
सुंदर मनमोहक रंगों में और 
भ्रमरों का गुंजन, फूलों पर 
सुंदर प्यारी तितलियों के दर्शन
होते हैं, खेत वाले मकान में 
प्रभु करते हैं भ्रमण, कई रूपों में 
खेत वाले मकान में
उगता सूरज, डूबता सूरज 
अनगिनत सितारे
चाँद की चाँदनी
सुंदर - सा गगन 
दिखता है, खेत वाले मकान में 
प्रभु की छटा, कई रूपों में 
बिखरी होती है,खेत वाले मकान में
गेहूँ की कोंपल, दे रही है दर्शन 
यहाँ होती है, अपनी धरती, अपना गगन
खूब रमता है, यह कवि मन 
खेत वाले मकान में
प्रभु की कृपा बरसती है
कई रूपों में, खेत वाले मकान में
|  | 
| मंजुला  श्रीवास्तव नई दिल्ली | 

एक टिप्पणी भेजें