जबलपुर, 09 अक्टूबर 2025: शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य स्वशासी महिला महाविद्यालय, जबलपुर में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर भूगोल विभाग द्वारा 'पर्यटन एवं सतत परिवर्तन' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. स्मृति शुक्ल ने की, जबकि मुख्य वक्ता मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक संजय मल्होत्रा रहे। संगोष्ठी का संयोजन भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रम्हानंद त्रिपाठी ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। छात्राओं नंदिनी और मुस्कान पटेल ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। मुख्य वक्ता संजय मल्होत्रा ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यटन आज वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण उद्योग बन चुका है। उन्होंने पर्यटन के विभिन्न घटकों जैसे परिवहन, होटल, और रेस्तरां उद्योगों के माध्यम से रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि पर जोर दिया।
प्राचार्य डॉ. स्मृति शुक्ल ने सतत पर्यटन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है, जिसका प्रभाव सामाजिक और आर्थिक विकास के रूप में दिखाई देता है। उन्होंने जयशंकर प्रसाद की 'कामायनी' का उदाहरण देते हुए साहित्य और पर्यटन के बीच संबंध को स्पष्ट किया।
संगोष्ठी के संयोजक डॉ. ब्रम्हानंद त्रिपाठी ने कहा कि पर्यटन न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा देता है, बल्कि आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का उदाहरण देते हुए सामाजिक समरसता पर बल दिया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजय तिवारी ने किया। डॉ. किरण कुमार, डॉ. देवेंद्र धुर्वे, हर्षा सिसोदिया, और अरुण शर्मा ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संगोष्ठी में भूगोल की स्नातक और स्नातकोत्तर छात्राओं ने आलेख, पोस्टर, और विभिन्न प्रांतों की वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को रंगारंग बनाया।
कार्यक्रम में डॉ. बलीराम अहिरवार, डॉ. नोयल दान, डॉ. कुसुम प्रजापति, गौरीशंकर, और रोलीराज विशेष रूप से उपस्थित रहे। अंत में डॉ. बसंती अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।

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