जबलपुर, 12 अक्टूबर 2025: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव की तृतीय पुण्यतिथि पर जबलपुर में यादव सभा ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। आदर्श नगर, कटंगा, ग्वारीघाट रोड स्थित संयुक्त पिछड़ा वर्ग मोर्चा के संयोजक रामरतन यादव के निवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुलायम सिंह की दूरदर्शिता पर विशेष जोर दिया गया। उन्होंने रक्षा मंत्री रहते हुए चीन को भारत का 'दुश्मन नंबर वन' करार दिया था, जो आज लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में बढ़ते सीमा तनाव के बीच पूरी तरह सही साबित हो रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत मुलायम सिंह के तेल चित्र पर माल्यार्पण से हुई। वक्ताओं ने याद किया कि कैसे 'नेताजी' ने डॉ. राम मनोहर लोहिया के समाजवादी सिद्धांतों पर चलते हुए दलित, पिछड़े, वंचित वर्गों, किसानों, मजदूरों और युवाओं के अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष किया। उन्होंने संविधान की रक्षा करते हुए अल्पसंख्यकों की बुलंद आवाज बने और समाज को स्वाभिमानपूर्ण जीवन जीने का संदेश दिया।
चीन पर सटीक भविष्यवाणी: आज की हकीकत
मुलायम सिंह ने 1996-98 में यूनियन डिफेंस मिनिस्टर रहते हुए संसद में स्पष्ट कहा था कि "चीन पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन है"। उन्होंने चेतावनी दी थी कि चीन भारत पर हमले की पूरी तैयारी कर रहा है और तिब्बत मुद्दे पर भारत को अपना रुख बदलना चाहिए। 2013 में लद्दाख घुसपैठ के दौरान भी उन्होंने कहा, "चीन हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है, हम बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि वे हमारी जमीन कब्जा कर रहे हैं।" 2017 में भी लोकसभा में उन्होंने चीनी सेना की पाकिस्तान के साथ सांठगांठ का जिक्र किया।
आज यह बात बिल्कुल सही साबित हो रही है। 2025 में भारत-चीन सीमा पर तनाव चरम पर है। फरवरी 2025 में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा दुनिया के सबसे महंगे जलविद्युत बांध की मंजूरी ने भारत को चिंतित कर दिया है, क्योंकि यह जल संसाधनों पर सीधा असर डालेगा। जून 2025 से लद्दाख के गलवान घाटी और पूर्वी लद्दाख में सैन्य निर्माण बढ़ा है, जहां चीन ने हॉटन-शिगात्से रेल लाइन का विस्तार किया है। सितंबर 2024 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि सीमा पर 75% डिसएंगेजमेंट हुआ है, लेकिन 2025 में भी सैन्य टुकड़ियां आमने-सामने हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के भू-राजनीतिक हित टकरा रहे हैं, और 1962 की जंग की यादें ताजा हो रही हैं।
सैनिकों के सम्मान में ऐतिहासिक कदम
मुलायम सिंह की एक और बड़ी देन सैनिकों का सम्मान है। स्वतंत्रता के बाद दशकों तक शहीद सैनिकों के शव परिवार तक नहीं पहुंचाए जाते थे—सिर्फ टोपी भेजी जाती थी। 1996 में डिफेंस मिनिस्टर के रूप में उन्होंने नियम बदले: अब शहीदों के शव पूरे राजकीय सम्मान के साथ घर पहुंचते हैं। डीएम-एसपी उनके घर जाते हैं, शहीद का दर्जा मिलता है, और परिवार को जीवनभर सुरक्षा व सुविधाएं सुनिश्चित होती हैं। इस बदलाव ने लाखों परिवारों को सांत्वना दी। उन्होंने सुखोई-30 लड़ाकू विमान सौदे को भी मंजूरी दी, जो आज भारतीय वायुसेना की रीढ़ है।
यादव सभा जबलपुर के संयोजक घनश्याम यादव ने कहा, "नेताजी की बातें आज हकीकत बन रही हैं। चीन का विस्तारवाद भारत के लिए खतरा है, लेकिन मुलायम जी की नीतियां हमें मजबूत बनाती हैं।" रामरतन यादव ने जोर देकर कहा कि मुलायम सिंह ने पिछड़े वर्ग को राजनीतिक सशक्तिकरण दिया, जो आज भी प्रासंगिक है।
कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थिति
कार्यक्रम में यादव सभा के प्रमुख सदस्यों ने शिरकत की: घनश्याम यादव, रामरतन यादव, अशोक यादव, एडवोकेट ओ.पी. यादव, जितेंद्र यादव, एड. शारदा यादव, अखिलेश यादव, डॉ. बालमुकुंद यादव, शिव यादव (फौजी), विजय यादव (फौजी), नीलचंद यादव, पंकज यादव, आकाश यादव, कोमल यादव, कैलाश यादव, रज्जन यादव, अक्कू यादव, उमेश यादव, अमर यादव, सुजीत यादव, डॉ. हरिराम यादव, मुन्ना यादव चाचा, कृष्णकांत यादव सहित बड़ी संख्या में समाजसेवी मौजूद थे। सभी ने मुलायम सिंह के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।
उत्तर प्रदेश में सैफई में अखिलेश यादव द्वारा आयोजित मुख्य कार्यक्रम के समांतर जबलपुर का यह आयोजन समाजवादी विचारधारा की व्यापकता दर्शाता है। मुलायम सिंह की पुण्यतिथि पर पूरे देश में श्रद्धांजलि सभाएं हो रही हैं, जहां उनकी सामाजिक न्याय और राष्ट्रीय सुरक्षा की विरासत को याद किया जा रहा है।

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