जबलपुर, 15 अक्टूबर 2025। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप, संस्कारधानी जबलपुर के नागरिकों को बहुत जल्द एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। कैंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रांझी में एक विशाल, सर्वसुविधायुक्त और अत्याधुनिक गीता भवन का निर्माण शुरू होने जा रहा है। यह भवन न केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा, बल्कि व्यावसायिक, साहित्यिक और व्यापारिक क्षेत्रों को भी बढ़ावा देगा। प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, रांझी में गीता भवन का स्थल चिन्हांकन कार्य तेजी से चल रहा है।
रांझी निरीक्षण में विधायक और निगमायुक्त की सक्रियता
आज कैंट विधानसभा क्षेत्र के विधायक अशोक ईश्वर दास रोहाणी और नगर निगमायुक्त राम प्रकाश अहिरवार ने संयुक्त रूप से प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में एमआईसी सदस्य दामोदर सोनी, पार्षद अनुराग दहिया, अपर आयुक्त व्ही.एन. वाजपेयी, अधीक्षण यंत्री कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री शैलेंद्र मिश्रा सहित जिला प्रशासन और नगर निगम के अन्य तकनीकी अधिकारी मौजूद रहे।
निरीक्षण के दौरान विधायक रोहाणी ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के अनुसार, रांझी क्षेत्र में गीता भवन का निर्माण प्राथमिकता पर किया जाएगा। उन्होंने कहा, "यह भवन 1500 सीटों वाले एक प्रमुख हॉल के साथ आकर्षक गैलरी, व्यावसायिक परिसर, सांस्कृतिक और साहित्यिक केंद्रों से सुसज्जित होगा। इससे स्थानीय कलाकारों, व्यापारियों और साहित्य प्रेमियों को अपार लाभ होगा।" निगमायुक्त अहिरवार ने भी पुष्टि की कि स्थल चिन्हांकन का कार्य अंतिम चरण में है, और शीघ्र ही निर्माण कार्य का शुभारंभ हो जाएगा।
गीता भवन: सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने वाली पहल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में राज्य स्तर पर की गई घोषणा में स्पष्ट किया था कि मध्य प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में अगले तीन वर्षों में गीता भवन का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। यह पहल भगवद्गीता के उपदेशों को आमजन तक पहुंचाने और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बनेगी। जबलपुर का यह गीता भवन प्रदेश की इस योजना का हिस्सा होगा, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप आध्यात्मिक शिक्षा और सामुदायिक विकास को प्रोत्साहित करेगा।
प्रदेश सरकार का मानना है कि ऐसे भवनों से न केवल धार्मिक आयोजन होंगे, बल्कि युवाओं के लिए कौशल विकास, साहित्यिक चर्चाएं और व्यापारिक मेलों का आयोजन भी संभव होगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
जबलपुर के लिए एक नया आयाम
संस्कारधानी जबलपुर, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, अब गीता भवन जैसे आधुनिक केंद्रों से और समृद्ध होगा। यह परियोजना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के 'विरासत से विकास' के विजन को साकार करने वाली है। स्थानीय निवासियों ने इस घोषणा का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे शहर की पहचान और मजबूत होगी।

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