जबलपुर, 4 नवंबर 2025: डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों के बीच साइबर स्वच्छता एवं सुरक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य स्वशासी महिला महाविद्यालय, जबलपुर के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) ने एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया। प्राचार्य डॉ. स्मृति शुक्ल के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्राओं को साइबर क्राइम से बचाव की अच्छी आदतें अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। विशेषज्ञों के व्याख्यानों के माध्यम से डिजिटल फ्रॉड, फिशिंग और अन्य खतरे समझाए गए, जो आज की युवा पीढ़ी के लिए बेहद प्रासंगिक हैं।
कार्यशाला का उद्घाटन उच्च शिक्षा जबलपुर संभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. पंजाब राव चंदेलकर ने किया। उन्होंने कहा, "छात्राओं को साइबर संबंधित अच्छी आदतों को अपनाने हेतु प्रेरित करना आवश्यक है। डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना ही सुरक्षा की पहली सीढ़ी है।" प्राचार्य डॉ. स्मृति शुक्ल ने अपने व्यक्तिगत जीवन के अनुभव साझा करते हुए छात्राओं को साइबर सुरक्षा के महत्व पर जागरूक किया। उन्होंने बताया कि कैसे छोटी-छोटी सावधानियां बड़े नुकसान से बचा सकती हैं।
मुख्य वक्ता डॉ. आशीष मिश्रा का व्याख्यान रहा आकर्षण का केंद्र
कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. आशीष मिश्रा ने गतिविधि आधारित पद्धति का उपयोग करते हुए डिजिटल फ्रॉड के प्रकारों जैसे फिशिंग, स्पूफिंग और ऑनलाइन स्कैमिंग को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने छात्राओं को व्यावहारिक टिप्स दिए, जैसे मजबूत पासवर्ड बनाना, संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करना और दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग। "साइबर स्वच्छता का मतलब है डिजिटल उपकरणों को साफ-सुथरा रखना, जैसे हम अपने घर को साफ रखते हैं," डॉ. मिश्रा ने कहा।
मध्य प्रदेश राज्य साइबर पुलिस जबलपुर से विशेषज्ञ अर्चना सिंह ठाकुर, नीलम द्विवेदी एवं हरिओम शुक्ला ने साइबर अपराध के व्यावहारिक पक्षों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वास्तविक केस स्टडीज के माध्यम से बताया कि कैसे महिलाएं ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बनती हैं और इससे बचाव के उपाय। साइबर पुलिस टीम ने छात्राओं को साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) के बारे में भी जानकारी दी, जहां शिकायत दर्ज की जा सकती है।
आईक्यूएसी समन्वयक ने रेखांकित किया साइबर सुरक्षा का महत्व
आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. ब्रह्मानंद त्रिपाठी ने कार्यशाला में साइबर सुरक्षा के व्यापक महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों में ऐसी जागरूकता कार्यक्रम डिजिटल इंडिया अभियान को मजबूत बनाते हैं। संयोजक डॉ. उषा कैली ने विषय प्रवर्तन किया, जबकि अतिथियों का परिचय डॉ. मुस्तकीम राजा ने कराया। अतिथियों का स्वागत डॉ. अखिलेश शर्मा, डॉ. अर्चना देवलिया एवं डॉ. सुनीता सोनी ने किया।
कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. तूलिका गौतम ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन डॉ. प्रशांत सिंह ने किया। महाविद्यालय की छात्राओं के अलावा प्राध्यापक गण जैसे डॉ. कुसुम प्रजापति, डॉ. ज्योति जाट, डॉ. सुनीता चंदेल, डॉ. नीना उपाध्याय आदि की उपस्थिति रही। तकनीकी सहयोग में जितेंद्र अग्रहरि, संदीप यादव, सुशील यादव, टीकाराम कुशवाहा और लक्ष्मी राजपूत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हुआ।

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