मध्यप्रदेश की औद्योगिक दूरदृष्टि: अहमदाबाद में खुलेगा एमपीआईडीसी कार्यालय, निवेशकों से मिला 15,710 करोड़ का भरोसा

भोपाल/सूरत। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की औद्योगिक रणनीति को नई उड़ान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। उन्होंने घोषणा की है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) का एक नया कार्यालय अहमदाबाद में स्थापित किया जाएगा। यह कदम प्रदेश में औद्योगिक निवेश की गति को न केवल तेज करेगा, बल्कि निवेश प्रक्रिया को पारदर्शी और सहज भी बनाएगा।

सूरत में आयोजित 'इंटरएक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज इन मध्यप्रदेश' में डॉ. यादव ने बताया कि इस आयोजन में निवेशकों से 15,710 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 11,250 से अधिक रोजगार अवसर पैदा होने की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए बहुस्तरीय सुधार किए हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वर्ष 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश अब न केवल निवेश का केंद्र बन चुका है, बल्कि हर औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक आदर्श गंतव्य भी बनता जा रहा है।


औद्योगिक शक्ति और मानव संसाधन की संगमभूमि: मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सत्र को संबोधित करते हुए प्रदेश की अद्वितीय क्षमताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 39% कृषि विकास दर, खनिज संसाधनों की प्रचुरता, प्रशिक्षित मानव संसाधन और वस्त्र, फार्मा, पर्यटन, स्वास्थ्य सहित विविध क्षेत्रों में निवेश की अनंत संभावनाएं मध्यप्रदेश को अग्रणी बनाती हैं।

उन्होंने सब्सिडी वितरण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट करते हुए कहा, “हमने सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक लाभार्थी को उसका अधिकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे बैंक खाते में प्राप्त हो।”


गुजरात और मध्यप्रदेश: औद्योगिक मित्रता की नई कहानी

डॉ. यादव ने गुजरात की व्यापारिक परंपरा, विशेष रूप से सूरत के हीरा और वस्त्र उद्योग की प्रशंसा करते हुए कहा कि पन्ना के हीरे को सूरत में तराशा जाता है, और मध्यप्रदेश की कपास को सूरत की साड़ियों में पिरोया जाता है। “अब वक्त है कि गुजरात के उद्योग समूहों का विस्तार मध्यप्रदेश की धरती पर हो,” उन्होंने कहा।


निवेशकों को मिलेगी 'प्लग एंड प्ले' सुविधा

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश देश के मध्य में स्थित होने के कारण उद्यमियों के लिए अत्यंत अनुकूल स्थान बन गया है।
राज्य में:

  • 1 लाख एकड़ से अधिक लैंड बैंक,

  • 340 से अधिक इंडस्ट्रियल पार्क,

  • विशेषीकृत सेक्टर क्लस्टर (आईटी, गारमेंट, फूड, टेक्सटाइल, फार्मा)
    विकसित किए गए हैं।

धार में बन रहा PM MITRA टेक्सटाइल पार्क इसका प्रमुख उदाहरण है, जो 2,000 एकड़ क्षेत्र में, 2,000 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित होगा, जिसमें सोलर प्लांट, स्टीम बॉयलर और प्लग एंड प्ले जैसी सुविधाएं होंगी।


गुजरात के दिग्गज उद्योगपतियों का समर्थन

सत्र में गुजरात की प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश के प्रति अपने विश्वास को दोहराया।

  • मिलेनियम बेबी केयर के मालिक राम प्रकाश बेरिया ने कहा, "मध्यप्रदेश का औद्योगिक माहौल सहायक और नीतिपरक है, हमने इंदौर में 400 करोड़ का निवेश किया है और 200 करोड़ की विस्तार योजना पर कार्य चल रहा है।"

  • वेलस्पन वर्ल्ड के चिंतन ठाकर ने राज्य की लॉजिस्टिक और एमएसएमई नीति की सराहना की।

  • टोरेंट पावर के जिगेश मेहता ने प्रशासन की तत्परता को सराहा।

  • एसआरके ग्रुप के अध्यक्ष गोविन्दभाई धोलकिया ने मध्यप्रदेश को ‘दूसरा घर’ बताया।


पारदर्शिता, गति और भरोसा: मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीति की रीढ़

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि हर निवेशक को समयबद्ध, सुलभ और साफ-सुथरी प्रणाली मिले, जिससे उनके प्रोजेक्ट बिना अड़चन शुरू हो सकें। वन-टू-वन मीटिंग्स में उन्होंने टेक्सटाइल, केमिकल, फार्मा, इंजीनियरिंग और जेम्स-ज्वैलरी क्षेत्रों के 18 से अधिक प्रतिनिधियों से विस्तारपूर्वक चर्चा की।

अंत में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संवाद सत्र में भाग लेने वाले 400 से अधिक उद्योगपतियों का आभार जताया और कहा, “मध्यप्रदेश निवेश का सटीक विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य का औद्योगिक केन्द्र बनने जा रहा है।”


अहम जानकारी:

  • इंटरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज इन मध्यप्रदेश’ सूरत के होटल मेरियट में संपन्न हुआ।

  • GJEPC, साउथ गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स, और मेटाक्सिल के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

  • कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन कर औपचारिक उद्घाटन किया गया।

    इस संवाद सत्र ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि मध्यप्रदेश अब सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि उद्योगों के लिए संभावनाओं की धरती बन चुका है — जहां नीति, प्रौद्योगिकी और पारदर्शिता का अद्भुत समन्वय निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।

    गुजरात की औद्योगिक प्रतिभा और मध्यप्रदेश की उर्वरा नीति एक साथ मिलकर देश को आर्थिक समृद्धि के नए मुकाम तक पहुंचाने को तैयार हैं।

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