नई दिल्ली/अहमदाबाद। अहमदाबाद विमान दुर्घटना की दिल दहला देने वाली घटना के बाद देश की विमानन सुरक्षा व्यवस्था में हलचल मच गई है। गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर (Boeing 787-8) विमान में 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि केवल एक व्यक्ति को जीवित निकाला जा सका। इस त्रासदी के तुरंत बाद नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एअर इंडिया की सभी ड्रीमलाइनर उड़ानों की सुरक्षा जांच तेज कर दी है।
DGCA ने शुक्रवार को एक सख्त आदेश जारी करते हुए टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया के बेड़े में मौजूद सभी बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों की गहन तकनीकी समीक्षा के निर्देश दिए हैं। इन विमानों में इस्तेमाल हो रहे GENx इंजन को लेकर भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। अहमदाबाद दुर्घटनाग्रस्त विमान भी इसी इंजन से लैस था।
DGCA की जांच के प्रमुख बिंदु:
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टेक-ऑफ मापदंडों की पुनर्समीक्षा
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केबिन एयर कंप्रेसर और ईंधन प्रणालियों की जांच
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इंजन ऑयल और इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण प्रणाली परीक्षण
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हाइड्रोलिक और ऊर्जा प्रणालियों की दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट
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उड़ान नियंत्रण प्रणाली की पारगमन जांच अगले आदेश तक अनिवार्य
टाटा ग्रुप के ड्रीमलाइनर बेड़े की स्थिति:
एअर इंडिया के पास इस समय कुल 33 ड्रीमलाइनर विमान हैं, जिनमें 26 बोइंग 787-8 और 7 बोइंग 787-9 शामिल हैं। सभी विमानों को DGCA के निर्देशों के अनुरूप सघन तकनीकी परीक्षण से गुजरना होगा।
इस बीच GE एयरोस्पेस, जो इन विमानों के इंजन निर्माता हैं, ने कहा है कि वे DGCA और विमानन मंत्रालय को तकनीकी जांच में हरसंभव सहयोग देंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी चिंता
यह हादसा केवल एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि भारतीय विमानन सुरक्षा पर एक गंभीर सवाल है। यात्रियों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए DGCA की यह कार्रवाई एक बेहद जरूरी कदम है।
यात्री सुरक्षा सर्वोपरि
DGCA ने कहा है कि विगत 15 दिनों में ड्रीमलाइनर विमानों में कई तकनीकी खराबियों के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया है, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी को टाला जा सके।
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