चिराग पासवान बोले — "मुख्यमंत्री के गृह जिले में भी सुरक्षित नहीं जनता"
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा,
बिहार में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। अपराधी बेलगाम हैं और मुख्यमंत्री के गृह जिले में खुलेआम कत्ल कर रहे हैं। यह बेहद शर्मनाक है और दर्शाता है कि सरकार जनता की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल हो चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय प्रशासन से बात की है और अपराधियों की पहचान कर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
रविवार देर शाम नालंदा जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र के डुमरावां गांव में बदमाशों ने 20 वर्षीय अन्नू कुमारी और 16 वर्षीय हिमांशु कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। अन्नू, ओमप्रकाश पासवान की बेटी थीं, वहीं हिमांशु, संतोष पासवान का बेटा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बदमाशों ने दोनों को सिर में गोली मारी। आनन-फानन में परिजन दोनों को नालंदा सदर अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इलाज में लापरवाही का आरोप, अस्पताल में हंगामा
हत्या के बाद परिजनों ने अस्पताल में इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। उन्होंने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने से इनकार करते हुए उन्हें सुभाष पार्क तक स्ट्रेचर पर ले जाकर प्रदर्शन किया और अस्पताल चौक-बड़ी पहाड़ी मार्ग को जाम कर दिया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया।
क्या था हत्याकांड का कारण?
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों परिवारों के बीच पहले से आपसी विवाद चल रहा था, जो रविवार को खूनी संघर्ष में बदल गया। बताया जा रहा है कि एक पक्ष ने दूसरे के घर में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की।
पुलिस ने इस मामले में अब तक सात संदिग्धों को हिरासत में लिया है और दावा किया है कि मुख्य आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी होगी। मामले की जांच तेज़ी से जारी है।
सवालों के घेरे में नीतीश सरकार की सुरक्षा नीति
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बिहार में लगातार अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में इस तरह की वारदात ने आम जनता के मन में भय और असुरक्षा की भावना को गहरा कर दिया है। राजनीतिक हलकों में भी सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर बहस छिड़ गई है।
निष्कर्ष: क्या बिहार में कानून का राज बचा है?
इस डबल मर्डर केस ने बिहार की कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक सक्रियता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष और एनडीए के सहयोगी नेता भी नीतीश सरकार पर सख्त सवाल उठा रहे हैं।
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