काशी से आए ब्राह्मणों द्वारा हो रहा महादेव का पार्थिव रूद्राभिषेक, 30 दिवसीय संगीतमय अखंड रामायण पाठ प्रारंभ
श्रावण मास में 4 सोमवार, श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
इस वर्ष सावन मास 11 जुलाई से 9 अगस्त तक रहेगा और इस दौरान चार सावन सोमवार पड़ेंगे – 14 जुलाई, 21 जुलाई, 28 जुलाई और 4 अगस्त। पौराणिक मान्यता अनुसार, इसी मास में भगवान शिव ने माता पार्वती को अर्धांगिनी रूप में स्वीकार किया था, जिससे इस मास का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
30 दिवसीय संगीतमय अखंड रामायण पाठ की ऐतिहासिक शुरुआत
इस वर्ष कोटेश्वर धाम में एक ऐतिहासिक पहल के अंतर्गत "संगीतमय 30 दिवसीय अखंड रामचरितमानस पाठ" का शुभारंभ हुआ है, जो लांजी अंचल के इतिहास में पहली बार आयोजित किया जा रहा है। इसका आयोजन "एकल अभियान संच लांजी अंचल बालाघाट महाकौशल मध्यप्रदेश" के सौजन्य से हो रहा है। कार्यक्रम के शुभारंभ के पूर्व नगर के गायत्री मंदिर से मानस यात्रा निकाली गई जो कोटेश्वर मंदिर परिसर पहुंचकर रामायण पाठ में परिवर्तित हुई।
काशी से पहुंचे ब्राह्मण कर रहे विशेष रूद्राभिषेक
कोटेश्वर मंदिर में प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग निर्माण कर विशेष रूद्राभिषेक किया जा रहा है। इस पुनीत कार्य के लिए काशी से आमंत्रित ब्राह्मणों द्वारा विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न हो रही है। मंदिर के पुजारी उदित गोस्वामी ने बताया कि यह आयोजन पूरे सावन माह तक चलेगा और हजारों श्रद्धालु इस महाभक्ति महोत्सव का हिस्सा बनेंगे।
श्रद्धालुओं से गुलजार हुआ कोटेश्वर धाम
लांजी नगर और आसपास के क्षेत्र के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कोटेश्वर धाम पहुंच रहे हैं। सावन के पहले ही दिन से मंदिर प्रांगण में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों में भी भारी उत्साह देखने को मिला। कोटेश्वर महादेव का दरबार रोशनी, फूलों और सजावट से आलोकित हो गया है।
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