सावन के प्रथम सोमवार को ‘संकल्प दिवस’ के रूप में भी जाना जाता है, और इस दिन का धार्मिक महत्व अत्यंत गूढ़ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भगवान शंकर शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक अभिषेक, पूजन व अर्चना कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया।
चहेली से लाए पवित्र जल से हुआ महाभिषेक
श्रद्धालु परंपरा के अनुसार, चहेली के उद्गम स्थल से कांवरियों द्वारा पैदल यात्रा कर लाया गया पावन जल भगवान कोटेश्वर के चरणों में अर्पित किया गया। यह यात्रा ना केवल शारीरिक साहस, बल्कि आध्यात्मिक समर्पण का परिचायक बनकर सामने आई। जंगलों, नालों और पथरीली पगडंडियों को पार करते हुए भक्तों ने कोटेश्वरधाम में पहुंचकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। भक्तों की टोली जैसे-जैसे धाम की ओर अग्रसर होती रही, वैसे-वैसे वातावरण शिवत्व से भरता गया।
श्रद्धालुओं को मिला दर्शन और महाप्रसाद का लाभ
कोटेश्वर मंदिर प्रांगण में भक्तों के लिए महाप्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई थी, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर पुण्य अर्जित किया। साथ ही, ‘एकल अभियान संच लांजी’ द्वारा अखंड श्रीरामचरितमानस पाठ का आयोजन भी जारी है, जिसमें दिन-प्रतिदिन भक्तों की सहभागिता बढ़ती जा रही है।
श्रावण की वर्षा में भी न रुकी श्रद्धा की धारा
इस वर्ष श्रावण मास का प्रथम सोमवार बारिश की फुहारों के बीच आया, परंतु मौसम की नमी श्रद्धा की गर्मी को रोक न सकी। भक्तों की भीड़ लगातार मंदिर प्रांगण में उमड़ती रही। मंदिर के अंदर स्थापित डिजिटल स्क्रीन पर भक्तों ने अभिषेक, पूजन, श्रृंगार और आरती के दर्शन लाभ भी प्राप्त किए।
प्रशासनिक व्यवस्था रही मुस्तैद
श्रावण मास में भक्तों की बढ़ती आमद को देखते हुए कोटेश्वर धाम में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व सुव्यवस्था के सख्त प्रबंध किए। दर्शन व्यवस्था, वाहन पार्किंग, भीड़ नियंत्रण, महिला व पुरुषों की अलग कतारें, दुकान संचालन व यातायात नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया गया। पुलिस बल मुस्तैदी से तैनात रहा ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
श्रावण के अगले सोमवारों में और भी बढ़ेगा उत्साह
सावन का आरंभ जिस श्रद्धा और उल्लास से हुआ है, उससे यह स्पष्ट है कि आने वाले सोमवारों में भी कोटेश्वरधाम में भक्ति का समंदर यूं ही हिलोरे लेता रहेगा। शिवभक्तों से आग्रह किया गया है कि वे बड़ी संख्या में आकर पुण्यलाभ प्राप्त करें और भगवान शंकर की कृपा से अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।
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