यह हादसा पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जन्मदिन समारोह की तैयारियों के बीच हुआ, जब देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु 12 दिवसीय महोत्सव (1 से 12 जुलाई) में भाग लेने बागेश्वर धाम पहुंचे थे।
⚠️ हादसे की पूरी घटना: मौत और भगदड़
गुरुवार सुबह करीब 7 बजे आरती के बाद बारिश शुरू हो गई। भीगने से बचने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु टेंट के नीचे आ गए। तभी तेज हवा और पानी भरने से टेंट का एक हिस्सा धसक गया और लोहे का एंगल श्यामलाल कौशल के सिर में लगा, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
आठ अन्य श्रद्धालु, जिनमें मृतक के दामाद राजेश कुमार कौशल, बहू पारुल, पोती उन्नति, और अन्य परिजन शामिल हैं, घायल हो गए। सभी घायलों को छतरपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।
🕯️ पीड़ित परिवार आया था धाम में दर्शन करने
श्यामलाल कौशल उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती के चौरी सिकन्दरपुर गांव के निवासी थे। वे बुधवार रात अपने परिवार के छह सदस्यों के साथ बागेश्वर धाम दर्शन के लिए पहुंचे थे। हादसे के वक्त वे सभी बालाजी दरबार में मौजूद थे।
😥 जन्मदिन की खुशियां मातम में बदलीं, श्रद्धालुओं में भय और अफरा-तफरी
5 जुलाई को पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जन्मदिवस है, जिसे लेकर पूरे परिसर को भव्य रूप से सजाया गया था। लेकिन हादसे के बाद आयोजन स्थल पर हड़कंप मच गया। टेंट गिरने से कई श्रद्धालु दब गए थे, जिन्हें स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से रेस्क्यू किया गया।
इस घटना ने श्रद्धालुओं में भय का माहौल बना दिया है और धार्मिक उत्सव अब शोक में बदल गया है।
🔎 प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच शुरू
बमीठा थाना प्रभारी के अनुसार, यह हादसा लगातार बारिश और तेज हवाओं के कारण टेंट की संरचना कमजोर होने से हुआ।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। आयोजन स्थल की सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की जा रही है।
📢 प्रशासन की अपील: भीड़ और मौसम को लेकर रहें सतर्क
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि:
-
आयोजन स्थल पर मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतें
-
भीड़-भाड़ से बचें और टेंट व अस्थाई संरचनाओं के नीचे एकत्रित न हों
-
आयोजकों से आपातकालीन प्रबंधन योजना और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने का आग्रह किया गया है
🛑 क्यों ज़रूरी है सुरक्षा उपायों की समीक्षा?
इस हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि:
-
बड़े धार्मिक आयोजनों में मौसम और सुरक्षा दोनों की अनदेखी नहीं की जा सकती
-
अस्थायी टेंट और ढांचों की मजबूती की पूर्व जांच अनिवार्य होनी चाहिए
-
भीड़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन दल की तैनाती आवश्यक है
Post a Comment