जबलपुर में 100% डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण: निगमायुक्त अहिरवार ने GPS मॉनिटरिंग, रखरखाव और वैकल्पिक व्यवस्था पर सख्त निर्देश दिए

जबलपुर, 12 अक्टूबर 2025: शहर की सफाई व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए जबलपुर नगर निगम ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रक्रिया में 100% मॉनिटरिंग शुरू करने का फैसला लिया है। निगमायुक्त राम प्रकाश अहिरवार ने वर्कशॉप में अधिकारियों की जमकर क्लास लगाते हुए गाड़ियों के रखरखाव, डीजल वितरण और ब्रेकडाउन पर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। यह कदम स्मार्ट सिटी मिशन के तहत RFID, GPS और GIS आधारित सिस्टम को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है, जिससे शहर में प्रतिदिन 450 टन से अधिक कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित होगा।

सफाई व्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता: निगमायुक्त की समीक्षा

नगर निगमायुक्त राम प्रकाश अहिरवार सुबह-सुबह वर्कशॉप पहुंचे और अधिकारियों की परेड लेते हुए कहा, "डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण 100% सुनिश्चित करें। कोई गाड़ी खराब हुई तो तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था करें—मुझे कोई बहाना स्वीकार्य नहीं।" उन्होंने जल वितरण को स्वच्छ बनाने, स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत और सड़कों की गुणवत्ता पर भी जोर दिया। गारंटी पीरियड की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत मूल ठेकेदारों से ही कराने के निर्देश देते हुए इंजीनियरों को चेतावनी दी कि निर्माण कार्यों में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। सभी इंजीनियरों को अपनी उपस्थिति में कार्य कराने का आदेश दिया गया।

समीक्षा के बाद निगमायुक्त अहिरवार ने अधिकारियों के साथ श्रमदान किया और नागरिकों को स्वच्छता का संदेश दिया। यह प्रयास शहर को स्वच्छ भारत मिशन के तहत राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष रैंकिंग दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

स्मार्ट टेक्नोलॉजी से सशक्त हो रही जबलपुर की वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम

जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत 2018 से चालू वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट काठोंदा में 600 मीट्रिक टन कचरे का प्रसंस्करण कर 11.5 MW बिजली उत्पन्न करता है, जो 18,000 घरों को रोशन करता है। RFID टैग्स, GPS ट्रैकिंग और सेंसर-युक्त स्मार्ट बिन्स के जरिए 350 वाहनों से डोर-टू-डोर संग्रहण हो रहा है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में 37,000 टन की कमी आई है। हाल ही में अढ़रताल में नया गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन बनाया गया है, जो संग्रहण को और कुशल बनाएगा।

2025 में, जबलपुर नगर निगम ने मेयर हेल्पलाइन पोर्टल पर कचरा गाड़ियों की लाइव लोकेशन ट्रैकिंग शुरू की है, जिससे नागरिक रीयल-टाइम में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जून 2025 में मेयर ने सफाई ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी दी थी, जिसके बाद संग्रहण में 20% सुधार हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि GPS मॉनिटरिंग से रखरखाव लागत 15-20% कम होगी और वैकल्पिक गाड़ियों की व्यवस्था से कोई क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा।

सड़कें, जल और लाइटिंग: बहुआयामी सुधार

निगमायुक्त ने बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत पर फोकस करते हुए कहा कि पारदर्शिता के साथ निर्धारित मापदंडों का पालन हो। जल वितरण व्यवस्था को ठीक करने के लिए नियमित जांच और स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत सुनिश्चित की जाएगी। ये कदम शहर की 79 वार्डों में 10.55 लाख आबादी को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेंगे।

नागरिकों का सहयोग अपेक्षित

निगमायुक्त अहिरवार ने अपील की कि नागरिक कचरे का सेग्रीगेशन करें और मेयर हेल्पलाइन ऐप से शिकायत करें। यह पहल जबलपुर को 'स्वच्छ शहर' बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

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